कौन हैं राजमाता अमृता रॉय जिन्हें महुआ के सामने उतार कर बीजेपी ने ममता को चौंकाया?
- क्या कृष्णानगर सीट पर महुआ मोइत्रा को चक्रव्यूह में फंसा पाएगी बीजेपी
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महुआ मोइत्रा के गढ़ में चुनौती देगी राजपरिवार की अमृता रॉय
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बीजेपी ने मारा महुआ के खिलाफ मास्टर स्ट्रोक
Lok Sabha Election West Bengal: इस बार पश्चिम बंगाल का लोकसभा चुनाव भी काफी चर्चा में है। पहले संदेशखाली की घटना के बाद बीजेपी का बशीरहाट से पीडित रेखा पात्रा को उतारना और अब कृष्णानगर सीट से राजमाता अमृता रॉय को टीएमसी की महुआ मोइत्रा के सामने उतारकर बीजेपी ने ममता बेनर्जी को झटका दिया है।
पीएम मोदी के फोन से चर्चा में : बता दें कि पिछले दो दिनों से राजमाता अमृता रॉय चर्चा में हैं। दरअसल, बुधवार को पीएम मोदी के साथ उनकी चर्चा का एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। जिसमें अमृता रॉय पीएम मोदी से चर्चा करती सुनाई दे रही हैं। पीएम मोदी ने उन्हें चुनौती से नहीं डरने और डटकर मुकाबला करने का मंत्र दिया। साथ ही मोदी ने कहा कि भ्रष्टचार में लूटा गया लोगों को पैसा वापस लौटाया जाएगा, ऐसा आप वहां पश्चिम बंगाल में लोगों को आश्वासन दीजिए।
दरअसल, पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा का गढ मानी जाती है। ऐसे में बीजेपी ने इस सीट से रॉयल फैमिली से राजमाता अमृता रॉय को मैदान में उतारकर सबको चौंका दिया है। इसे एक तरह से बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। ऐसे में करप्शन के आरोप झेल रही महुआ मोइत्रा को इस बार चुनौती मिल सकती है।
महुआ के लिए बीजेपी ने रचा चक्रव्यूह : बता दें कि महुत्रा मोइत्रा एक बार फिर से पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। महुआ मोइत्रा के खिलाफ बीजेपी ने अब बड़ा दांव खेला है। बीजेपी ने महुआ के खिलाफ कृष्णानगर के राज परिवार की राजमाता अमृता रॉय को उतार दिया है। बीजेपी उम्मीदवार अमृता रॉय सौमिष चंद्र रॉय की पत्नी हैं, जो नादिया जिले के राजबाड़ी के 39वें वंशज हैं। राजमाता ने 20 मार्च को बीजेपी ज्वाइन की। 5 दिन बाद बीजेपी ने उनकी उम्मीदवारी घोषित कर दी। 62 साल तक अमृता रॉय ने कभी राजनीति में झांका भी नहीं, लेकिन अब उन्हें सीधे लोकसभा चुनाव का टिकट मिल गया है। बीजेपी ने महुआ को घेरने के लिए कौनसा नया चक्रव्यूह तैयार कर लिया, इसकी महुआ को शायद भनक भी नहीं रही होगी।
क्या काम आएगा रानी मां फैक्टर : कृष्णानगर सीट नादिया में आती है, जहां राजा कृष्णचंद्र का नाम सम्मान से लिया जाता है। इसी को ध्यान में रखकर जिला बीजेपी यूनिट ने हाईकमान को अमृता रॉय को टिकट देने की सिफारिश की थी। नादिया में सम्मान से अमृत रॉय को रानी साहिबा या रानी मां कहा जाता है। चुनाव में रानी मां फैक्टर का फायदा उठाने के लिए ही बीजेपी राजमाता अमृता रॉय को चुनाव में लाई है।
क्या है कृष्णानगर के राज परिवार का इतिहास : 18वीं सदी में कृष्णानगर में राजा कृष्णचंद्र रॉय का राज हुआ करता था। इस परिवार ने 1728 से 1783 यानी करीब 55 साल तक शासन किया है। उस जमाने में बंगाल के नवाब हुआ करते थे सिराजुद्दौला। जैसे ही बीजेपी ने अमृता रॉय की उम्मीदवारी घोषित की, इतिहास के पुराने पन्ने खुल गए। तृणमूल कांग्रेस ने अमृता रॉय के पूर्वज महाराजा कृष्णचंद्र रॉय की देशभक्ति पर सवाल उठाया है। तृणमूल का आरोप लगाया कि 1757 के प्लासी के युद्ध में जब सिराजुदौला अंग्रेजों से लड़ाई लड़ रहे थे तब राजा कृष्णचंद्र रॉय ने अंग्रेजों की मदद की थी।
राज परिवार पर महुआ के आरोप : जिस लड़ाई का जिक्र हो रहा है उसमें सिराजुदौला की हार हुई थी और अंग्रेज जीत गए थे। कहा जाता है कि, वहीं से भारत में अंग्रेजी हुकूमत की नींव पड़नी शुरू हुई थी। ब्रिटिश अधिकारी रॉबर्ट क्लाइव से राजा कृष्णचंद्र की अच्छी दोस्ती थी। महाराजा की उपाधि और कृष्णानगर का शासन गिफ्ट में मिला था। अमृता रॉय तृणमूल के इन आरोपों से इनकार नहीं करती है लेकिन उनका कहना है कि ऐसा सिराजुद्दौला की प्रताड़ना की वजह से किया गया था। अगर वो ऐसा नहीं करते तो हिंदू धर्म बच नहीं पाता।
क्या है कृष्णानगर सीट का इतिहास : एक वक्त में कृष्णानगर सीट लेफ्ट का मजबूत गढ़ हुआ करती थी। 1967 के बाद हुए 11 लोकसभा चुनावों में से 10 बार लेफ्ट ने सीट जीती। 2009 और 2014 में तृणमूल के तापस रॉय ने कृष्णानगर का चुनावी समीकरण बदला था। 2019 में ममता बनर्जी ने बड़ा जोखिम लिया। जीते हुए सांसद का टिकट काटकर विदेश में इन्वेस्टमेंट बैंकर रहीं महुआ मोइत्रा को चुनाव लड़ाया था। मुकाबला कड़ा हुआ, लेकिन कृष्णानगर ने महुआ मोइत्रा को जिता दिया।
Edited by Navin Rangiyal