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Written By WD Sports Desk
Last Modified: मंगलवार, 23 जुलाई 2024 (17:30 IST)

महिला तीरंदाज के साथ अनुचित व्यवहार करने वाले कोच को कैसे भेज दिया पेरिस?

ओलंपिक के लिए भारतीय तीरंदाजी दल में ‘दागी’ फिजियो की मौजूदगी पर विवाद

महिला तीरंदाज के साथ अनुचित व्यवहार करने वाले कोच को कैसे भेज दिया पेरिस? - Taintend coach of Indian Archers raises eyebrows ahead of Paris Olympics
ओलंपिक एक्रिडिटेशन नहीं मिलने के कारण मुख्य कोच कोरिया के बाक वूंग के यहां से लौटने के बाद भारतीय तीरंदाजी दल ‘दागी’ फिजियो की मौजूदगी के कारण एक बार फिर से विवादों में फंस गया है।भारतीय तीरंदाजी दल में वूंग और द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता हाई परफार्मेंस निदेशक संजीव सिंह को एक्रिडिटेशन नहीं मिला।

भारतीय तीरंदाजी संघ (AAI) के एक शीर्ष अधिकारी ने खुलासा किया कि इन दोनों की जगह फिजियो अरविंद यादव को दल में शामिल किया गया है। यादव पर पिछले साल नवंबर में आयरलैंड के लिमरिक में युवा विश्व चैंपियनशिप के दौरान कनाडा की एक किशोर खिलाड़ी के साथ अनुचित व्यवहार का आरोप लगा था।

इस अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर ‘PTI-(भाषा)’ से कहा, ‘‘ विश्व तीरंदाजी प्रतियोगिता प्रबंधक थॉमस ऑबर्ट की शिकायत के अनुसार, यादव ने सोशल मीडिया पर कनाडा की एक किशोर तीरंदाज के साथ अनुचित व्यवहार किया था।’’

यादव से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘ यह मुझे बदनाम करने की साजिश है। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। तब एएआई ने मेरे खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की? अगर ऐसा था तो किसी तीरंदाज को मेरी नियुक्ति पर आपत्ति क्यों नहीं की।’’

एएआई सूत्र ने दावा किया कि यादव संस्था के महासचिव वीरेंद्र सचदेवा के बहुत करीबी हैं।उन्होंने कहा, ‘‘जब भी कोई शीर्ष प्रतियोगिता होती है तो वह इस तरह से दल में जगह बना लेता है। वह रियो ओलंपिक में भी दल में शामिल था। वह पिछले साल एशियाई खेलों के दौरान टीम के साथ नहीं था।’’

सूत्र ने कहा, ‘‘ इस बार भी वह तीन महीने पहले ही राष्ट्रीय शिविर से जुड़ा और उसे एक्रिडिटेशन मिल गया। एएआई चाहता तो उसके नाम को हटा कर मुख्य कोच को दल में शामिल कर सकता था।’’

एएआई अध्यक्ष अर्जुन मुंडा ने दागी फिजियो के बारे में बात करने से इनकार कर दिया।यादव को शामिल किए जाने और पिछले साल की घटना के बारे में पूछे जाने पर मुंडा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘आप इसे क्यों उछाल रहे हैं? इस समय इसके बारे में बात न करें। अब एक और विवाद पैदा न करें।’’

मुंडा ने जोर देकर कहा कि तीरंदाज ही उन्हें सहयोगी स्टाफ का हिस्सा बनाना चाहते थे।मुंडा ने कहा, ‘‘यह एक मुश्किल निर्णय है जो खिलाड़ियों की सुविधा और वे टीम में किसे चाहते हैं इस पर निर्भर करता है और महासंघ इसे प्राथमिकता देता है। एएआई इसमें हस्तक्षेप नहीं करता है, हम टीम में किसी को मजबूर नहीं करना चाहते हैं।’’