Anant Chaturdashi 2024: अनंत चतुर्दशी पर क्यों और कैसे करते हैं भगवान अनंत की पूजा, जानिए अचूक उपाय
Anant Chaturdashi 2024: भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर भगवान अनंत की पूजा होती है। इस बार 17 सितंबर 2024 मंगलवार के दिन अनंत भगवान की पूजा होगी। आओ जानते हैं कि श्रीहरि विष्णु के अनंत रूप की पूजा क्यों और कैसे करते हैं। इसी के साथ इस दिन के अचूक उपाय।
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क्यों करते हैं भगवान अनंत की पूजा?
अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान अनंत (विष्णु) की पूजा का विधान होता है। भगवान विष्णु के सेवक भगवान शेषनाग का नाम अनंत है। अनंत चतुर्दशी पर श्रीहरि विष्णु की पूजा करने से संकट दूर होकर सुखी मिलता है। अग्नि पुराण में अनंत चतुर्दशी व्रत के महत्व का वर्णन मिलता है। पांडवों द्वारा जुए में अपना राजपाट हार जाने के बाद श्रीकृष्ण से पूछा था कि दोबारा राजपाट प्राप्त हो और इस कष्ट से छुटकारा मिले इसका उपाय बताएं तो श्रीकृष्ण ने उन्हें सपरिवार सहित अनंत चतुर्दशी का व्रत बताया था। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा था कि चतुर्मास में भगवान विष्णु शेषनाग की शैय्या पर अनंत शयन में रहते हैं। अनंत भगवान ने ही वामन अवतार में दो पग में ही तीनों लोकों को नाप लिया था। इनके ना तो आदि का पता है न अंत का इसलिए भी यह अनंत कहलाते हैं अत: इनके पूजन से आपके सभी कष्ट समाप्त हो जाएंगे।
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कैसे करें अनंत चतुर्दशी की पूजा (How to worship Anant Chaturdashi) :
- अनंत चतुर्दशी व्रत की पूजा दोपहर में की जाती है।
- स्नान आदि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लेकर पूजा स्थल पर कलश स्थापित किया जाता है।
- कलश पर अष्टदल कमल की तरह बने बर्तन में कुश से निर्मित अनंत भगवान की स्थापना करें। पाट पर चित्र भी स्थापित करें।
- अब एक धागे को कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर अनंत सूत्र तैयार करें, इसमें चौदह गांठें लगी होनी चाहिए।
- अब मंत्र का जाप करें।
अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव।
अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते।।
- इसके बाद विधिवत पूजन के बाद अनंत सूत्र को बाजू में बांध लें।
- पुरुष दांये हाथ में और महिलाएं बांये हाथ में बांधे।
- अब श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करें।