HIGHLIGHTS
• माघ मास की शीतला षष्ठी आज।
• शीतला षष्ठी के पूजन का दिन।
• संतान सुख के लिए किया जाता है यह व्रत।
Shitla Sashti 2024 Date : धार्मिक ग्रंथों के अनुसार माघ मास में शुक्ल पक्ष की षष्ठी या छठवीं तिथि को शीतला षष्ठी का व्रत किया जाता है। शीतला षष्ठी संतान प्राप्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। इस दिन बासी खाने का भोग माता को लगाया जाता है। इस वर्ष शीतला षष्ठी व्रत गुरुवार, 15 फरवरी 2024 को पड़ रहा है।
महत्व: भारत भर में माता शीतला का पर्व किसी न किसी रूप में हर जगह मनाया जाता है। जैसे- कोई माघ शुक्ल षष्ठी को, कोई वैशाख कृष्ण पक्ष की अष्टमी, कोई चैत्र के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को तो कोई श्रावण मास की सप्तमी को शीतला माता का पूजन और व्रत रख कर माता को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं।
मान्यता के अनुसार शीतला षष्ठी के दिन किया जाने वाला शीतला माता का यह व्रत संतान सुख की प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इस तिथि पर शीतला माता की पूजा-आराधना करने से घर में शांति बनी रहती है तथा दैहिक और मानसिक संताप मिट जाते हैं। इस संबंध में ऐसी भी मान्यता है कि जब छोटे बच्चों को दाने निकल आते हैं, तो घर के बड़े-बुजुर्ग शीतला माता का प्रकोप मानते हैं। शीतला माता को शांत और प्रसन्न करने के लिए भी इस व्रत को किया जाता है।
क्या करें इस दिन:
- शीतला षष्ठी व्रत में स्त्रियां प्रातः जल्दी उठकर ठंडे पानी से स्नान करके माता शीतला की पूजा करती है।
- इस दिन घर में चूल्हा नहीं जलता है बल्कि चूल्हे की पूजा की जाती है।
- माता शीतला को शीतल यानी ठंडी चीजें/ भोग बहुत पसंद हैं इसलिए उन्हें इस दिन ठंडा भोग ही लगाया जाता है।
- इस दिन शीतला माता का विधिपूर्वक पूजन करने के पश्चात शीतला षष्ठी माता की कथा पढ़ने या सुनने का अधिक महत्व है।
- व्रतधारी महिलाएं इस दिन रात्रि का रखा बासी भोजन ही करती है।
- यदि कोई स्त्री संतान सुख की कामना से शीतला षष्ठी के दिन पूरे विधि-विधान से शीतला माता का व्रत-पूजन करती है, तो निश्चित ही वह शीतला माता के आशीर्वाद से संतान प्राप्त करती है।
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