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Written By WD Feature Desk

रुक्मणी अष्टमी कब है ? क्या है इसका महत्व

रुक्मणी अष्टमी कब है ? क्या है इसका महत्व - Rukmini Ashami Festival
Rukmini Ashtami 2024 | 04 जनवरी को रुक्मिणी अष्टमी व्रत, जानें महत्व 
 
Rukmini Ashtami Vrat 2024 : इस बार नए साल का पहला अष्टमी व्रत यानी रुक्मणी अष्टमी व्रत 04 जनवरी 2024 को मनाया जा रहा है। यह व्रत पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ रहा है। 
 
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन द्वापर युग में देवी रुक्मिणी का जन्म हुआ था, जो विदर्भ नरेश भीष्मक की पुत्री थी। उन्हें पौराणिक शास्त्रों में लक्ष्मीदेवी का अवतार कहा गया है। रुक्मिणी दिखने में अतिसुंदर एवं सर्वगुणों से संपन्न थी। उनके शरीर पर माता लक्ष्मी के समान ही लक्षण दिखाई देते थे, इसीलिए उन्हें लोग लक्ष्मस्वरूपा भी कहते थे। 
 
पौराणिक मान्यतानुसार इस दिन विधिपूर्वक देवी रुक्मिणी का पूजन-अर्चन करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है, रुक्मिणी अष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण और माता लक्ष्मी के मंत्रों का जप करके उन्हें तुलसीदल डालकर खीर का भोग लगाने से वे प्रसन्न होते हैं। साथ ही घर में धन-संपत्ति, समृद्धि तथा ऐश्वर्य का वास होता है, जीवन में दाम्पत्य सुख की प्राप्ति होती है। 
 
रुक्मिणी अष्टमी के दिन लक्ष्मी जी, श्री कृष्ण तथा रुक्मिणी का पूजन करना चाहिए। इस दिन 'कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरी। नन्दगोपसुतं देवि पतिं मे कुरू ते नम:' के मंत्र का अधिक से अधिक जाप करना चाहिए क्योंकि द्वापर युग में गोपियों ने भी इसी मंत्र का जाप किया था। 
 
रुक्मिणी अष्टमी के दिन गरीब, असहायों तथा ब्राह्मणों को भोजन खिलाने और दान तथा दक्षिणा देने से जीवन में शुभता आती है। 
 
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