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Written By WD Feature Desk

Heramba sankashti chaturthi : हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी व्रत रखने का क्या है महत्व?

Heramba sankashti chaturthi : हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी व्रत रखने का क्या है महत्व? - Heramb Sankashti Chaturthi 2024
sankasti chaturthi 2024
 
Highlights
 
हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी कब है 2024 में।
क्यों कहते हैं इसे हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी जानें।
हेरम्ब संकष्टी चौथ का महत्व जानें।
Ganesh Chaturthi 2024 : वर्ष 2024 में हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी व्रत 22 अगस्त, दिन गुरुवार को किया जा रहा है। हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। इस चतुर्थी को हेरम्ब संकष्टी भी कहा जाता है।

वैसे तो संकष्टी चतुर्थी व्रत श्री गणेश को समर्पित है, लेकिन बहुला चौथ व्रत में भगवान कृष्ण तथा बहुला गाय का पूजन किया जाता है। अत: इस तिथि को बहुला चौथ भी कहते हैं। बहुला चौथ को लेकर पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन माताएं कुम्हारों द्वारा मिट्टी से भगवान शिव-पार्वती, कार्तिकेय, गणेश जी तथा गाय की प्रतिमा बनवाकर मंत्रोच्चारण तथा विधिपूर्वक इसे स्थापित करके पूजा-अर्चना करें तो मनोवांछित फल की प्राप्ति होती हैं। 
हेरंब संकष्टी चतुर्थी का महत्व : वैसे तो हर चतुर्थी के अलग-अलग नाम हैं। लेकिन भादो की इस चतुर्थी का नाम हेरम्ब होने की वजह यह है कि भगवान श्री गणेश का एक नाम हेरम्ब होने के साथ ही वे 8 भुजाधारी और गौर वर्ण शरीर वाले होने के कारर हेरम्ब गणपति के नाम से जाने जाते हैं। इसीलिए भाद्रपद की संकष्टी चतुर्थी को हेरम्ब चतुर्थी कहते हैं। 
 
भविष्य पुराण के अनुसार गणपति जी के हेरम्ब स्वरूप की पूजा और हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत रखने से बुध ग्रह तथा राहु और केतु के दुष्प्रभाव दूर होकर सभी तरह की समस्याओं, परेशानियों का अंत होता है। और भगवान गणेश के आशीर्वाद से बुद्धि, बल और विवेक की प्राप्ति होती है।

मान्यतानुसार इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से मानसिक तनाव से मुक्ति भी मिलती है। साथ ही इस दिन 'ॐ नमो हेरम्ब मद मोहित मम् संकटान निवारय-निवारय स्वाहा।' तथा 'ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये। वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:।' या 'ॐ गं गणपतये नम:।' मंत्र का जाप करने से जीवन सुखमय होकर आर्थिक संकट दूर होता है। 

 
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