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हरतालिका तीज का नाम कैसे पड़ा, तीज पर पढ़ें पार्वती जी के 5 और शिव जी के 7 मंत्र

हरतालिका तीज का नाम कैसे पड़ा, तीज पर पढ़ें पार्वती जी के 5 और शिव जी के 7 मंत्र - hartalika teej vrat 2018 Mantra
हरतालिका तीज का पर्व शिव और पार्वती के मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। मां पार्वती ने 107 जन्म लिए थे कल्याणकारी भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए। अंततः मां-पार्वती के कठोर तप के कारण उनके 108वें जन्म में भोले बाबा ने पार्वती जी को अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया था। 
 
क्यों पड़ा हरतालिका तीज नाम? 
 
हरतालिका दो शब्दों से बना है, हर और तालिका। हर का अर्थ है हरण करना और तालिका अर्थात सखी। यह पर्व भाद्रपद की शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है, इसलिए इसे तीज कहते हैं। इस व्रत को हरतालिका इसलिए कहा जाता है, क्योंकि पार्वती की सखी उन्हें पिता के घर से हरण कर जंगल में ले गई थी। 
 
मां पार्वती को प्रसन्न करने के 5 मंत्र 
 
ॐ उमाये नमः। ॐ पार्वत्यै नमः। ॐ जगद्धात्रयै नमः। ॐ जगत्प्रतिष्ठायै नमः। ॐ शांतिरूपिण्यै नमः। 
 
भगवान शिव को प्रसन्न करने के 7 मंत्र 
 
ॐ शिवाय नमः। ॐ हराय नमः। ॐ महेश्वराय नमः। ॐ शम्भवे नमः। ॐ शूलपाणये नमः। ॐ पिनाकवृषेनमः। ॐ पशुपतये नमः।