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Written By WD Feature Desk
Last Updated : गुरुवार, 27 नवंबर 2025 (15:41 IST)

Gita Jayanti 2025: गीता जयंती 2025: श्रीमद्भगवद्गीता के बारे में 10 दिलचस्प बातें

Gita Jayanti 2025 Date
Shrimad Bhagavad Gita: श्रीमद्भगवद्गीता हिन्दू धर्म का ही नहीं, बल्कि संपूर्ण मानव सभ्यता का एक अमूल्य ग्रंथ है। यह हमें जीवन जीने की कला, कर्म का सिद्धांत और आत्मज्ञान का मार्ग सिखाती है। यहां गीता जयंती 2025 के अवसर पर श्रीमद्भगवद्गीता के बारे में 10 दिलचस्प और महत्वपूर्ण बातें प्रस्तुत हैं:ALSO READ: गीता जयंती पर गीता ज्ञान प्रतियोगिता के बारे में जानें और जीते लाखों के इनाम
 
यहां पढ़ें गीता के बारे में 10 अद्भुत तथ्य: 
 
1. जन्म तिथि: गीता जयंती उस दिन को चिह्नित करती है जब कुरुक्षेत्र के युद्ध मैदान में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को यह दिव्य ज्ञान दिया था। यह तिथि हिंदू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी (मोक्षदा एकादशी) को पड़ती है।
 
2. विश्व का पहला संवाद: श्रीमद्भगवद्गीता को अक्सर दुनिया का पहला 'कॉम्प्रिहेंसिव सेल्फ-हेल्प' या 'जीवन प्रबंधन ग्रंथ' माना जाता है, जो युद्धभूमि के तनावपूर्ण माहौल में दिया गया था।
 
3. 18 अध्यायों की संरचना: इसमें कुल 18 अध्याय हैं, जो महाभारत के 18 दिन के युद्ध के साथ मेल खाते हैं। इन अध्यायों में योग, ज्ञान, भक्ति और कर्म का गहरा समन्वय है।
 
4. सात सौ श्लोक: पूरी गीता में केवल 700 श्लोक हैं, जिनमें सबसे अधिक श्लोक स्वयं भगवान श्रीकृष्ण द्वारा बोले गए हैं।
 
5. पांच मुख्य वक्ता: गीता का ज्ञान मुख्य रूप से श्रीकृष्ण ने दिया, लेकिन इसमें अर्जुन, संजय, धृतराष्ट्र और वेदव्यास (जो संजय के माध्यम से सुन रहे थे) के संवाद भी शामिल हैं।
 
6. कर्मयोग का केंद्र: गीता का केंद्रीय दर्शन निष्काम कर्मयोग है, जिसका अर्थ है 'फल की चिंता किए बिना अपना कर्तव्य निभाना'।ALSO READ: Gita Jayanti Wishes: गीता जयंती पर अपनों को भेजें ये 5 प्रेरणरदायी शुभकामना संदेश
 
7. कई भाषा में अनुवाद: गीता का अनुवाद दुनिया की लगभग 80 से अधिक भाषाओं में हो चुका है, जिससे यह वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली धार्मिक/दार्शनिक पुस्तकों में से एक है।
 
8. उपनिषदों का सार: इसे उपनिषदों का सार माना जाता है, इसलिए इसे "गीतोपनिषद्" भी कहा जाता है। इसमें सभी वैदिक ज्ञान का निचोड़ मौजूद है।
 
9. आधुनिक प्रेरणा स्रोत: महात्मा गांधी, अल्बर्ट आइंस्टीन और रॉबर्ट ओपेनहाइमर जैसे महान व्यक्तियों ने इसे अपने जीवन के लिए अत्यंत प्रेरणादायक और मार्गदर्शक शक्ति माना था।
 
10. ज्ञान का दिन: गीता जयंती के दिन गीता का पाठ करने से व्यक्ति को न केवल मोक्ष प्राप्त होता है, बल्कि वह जीवन की जटिल समस्याओं का समाधान भी ढूंढ पाता है, जैसा अर्जुन ने किया था।
 
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