Venus is about to set: 11 दिसंबर 2025 को शुक्र तारा होने वाला है अस्त। शुक्र अस्त तब होता है जब शुक्र ग्रह अपने परिक्रमा पथ पर चलते हुए सूर्य के बहुत निकट आ जाता है। सूर्य के अत्यधिक तेज के कारण, शुक्र अपनी चमक खो देता है और आकाश में दिखाई नहीं देता। ज्योतिष में, सूर्य के पास आने से ग्रह कमजोर हो जाते हैं, और इसी कारण उनकी शुभता भी कम हो जाती है। शुक्र तारा अस्त होने से मांगलिक कार्य रुक जाते हैं।
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, शुक्र अस्त होने की अवधि इस प्रकार है:
शुक्र अस्त प्रारम्भ: 11 दिसंबर 2025, बृहस्पतिवार को सुबह लगभग 06:35 बजे।
शुक्र अस्त समाप्त: 01 फरवरी 2026, रविवार को शाम लगभग 06:27 बजे।
1. मांगलिक कार्यों पर रोक:
मांगलिक कार्य: यह सबसे महत्वपूर्ण प्रभाव है। शुक्र ग्रह को भौतिक सुख, वैवाहिक जीवन, प्रेम, सौंदर्य और कला का कारक माना जाता है। जब शुक्र अस्त होता है, तो यह माना जाता है कि इसकी शुभ शक्ति कम हो जाती है, इसलिए इस अवधि में निम्नलिखित कार्य वर्जित या स्थगित कर दिए जाते हैं:
विवाह (शादी): इस समय विवाह करना अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि अस्त शुक्र के दौरान की गई शादियाँ दाम्पत्य जीवन में कटुता, कलह, और सुख की कमी लाती हैं।
गृह प्रवेश: नए घर में प्रवेश या नींव पूजन जैसे कार्य भी नहीं किए जाते हैं।
मुंडन/यज्ञोपवीत (जनेऊ): जैसे महत्वपूर्ण संस्कार भी रोके जाते हैं।
अन्य बड़े शुभ संस्कार: जैसे बड़े अनुष्ठान और मंदिर निर्माण का कार्य भी शुरू नहीं किया जाता है।
नोट: हालांकि, कुछ कार्यों की मनाही नहीं होती, जैसे- सगाई, नामकरण, पूजन-हवन, कथा, वाहन या जेवरों की खरीदारी।
2. व्यक्तिगत जीवन पर प्रभाव
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चूंकि शुक्र भोग विलास और सुख का ग्रह है, इसके अस्त होने पर जीवन के इन क्षेत्रों में कुछ कमी या प्रभाव देखा जा सकता है।
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सुख-साधनों में कमी: व्यक्ति को सुख-सुविधाओं का उपभोग करने में या उनसे संतुष्टि पाने में थोड़ी मुश्किल आ सकती है।
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रिश्तों में उतार-चढ़ाव: प्रेम संबंधों और वैवाहिक जीवन में थोड़ा मनमुटाव या संघर्ष की स्थिति बन सकती है।
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स्वास्थ्य: जिन लोगों की कुंडली में शुक्र कमजोर होता है, उन्हें त्वचा, प्रजनन या गुर्दे (Kidney) से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
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आर्थिक स्थिति: कुछ लोगों के लिए आय कम हो सकती है और व्यय (खर्च) बढ़ सकता है।