• Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. »
  3. लंदन ओलिम्पिक 2012
  4. »
  5. ओलिम्पिक आलेख
  6. Olympic Updates in
Written By WD

लगा कि हवा में तैर रही है नादिया

London Olympics 2012, London Olympics News Hindi | Olympic Updates in | लगा कि हवा में तैर रही है नादिया
पूरे दस अंक... अनईवन बार पर। किसी भी जिम्नास्ट या 'जानकार से पूछें तो वह इसे असंभव ही बताएगा। लेकिन यह कारनामा ओलिम्पिक इतिहास में रोमानिया की नादिया कॉमेनेची ने कर दिखाया है। एक ऐसा कारनामा जिसे तोड़ना या छूना लगभग नामुमकिन है। वे यह इतिहास रचने वाली पहली महिला जिम्नास्ट बनीं।

1976 के मांट्रियल ओलिम्पिक की स्टार रही नादिया को इन खेलों के दौरान सात बार अधिकतम अंक मिले। मांट्रियल में नादिया ने 3 स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक जीता। 12 नवंबर 1961 को जॉर्ज और स्टेफिना एलेक्जेंड्रिया कॉमेनेची के यहां जन्मी नादिया को शुरू से ही दौड़कूद पसंद थी।

छः वर्ष की अल्पायु में ही उन्हें बेला कारालोई ने प्रशिक्षण देना प्रारंभ कर दिया। एक साल बाद नादिया पहली बार राष्ट्रीय स्पर्धा में उतरीं, जहां उन्होंने 13वां स्थान प्राप्त किया।

अगले वर्ष वे रोमानिया की राष्ट्रीय स्पर्धा में पदक जीतने वाली सबसे कम उम्र की जिम्नास्ट बनीं। एक वर्ष बाद 1971 में नादिया पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आईं और टीम वर्ग में स्वर्ण पदक अर्जित किया।

1975 में उन्होंने यूरोपीय चैंपियनशिप में लगभग सभी वर्ग में स्वर्ण जीता और यह सफलता पूरे वर्ष जारी रही। 14 वर्ष की आयु में 1976 के मांट्रियल ओलिम्पिक खेलों की वे नायिका रहीं। नादिया का टीम वर्ग में पहला प्रदर्शन अनईवन बार पर था, जो उनका पसंदीदा वर्ग था।

एक उद्घोषक ने उनका प्रदर्शन देखकर कहा कि ऐसा लग रहा है मानो वे हवा में तैर रही हों। लेकिन दूसरे ही पल स्कोर बोर्ड पर जब नादिया के अंक दिखाए गए तो सभी स्तब्ध रह गए। इस प्रदर्शन पर जज ने उन्हें पूरे 10.0 अंक दिए। चूँकि इससे पहले कोई भी जिम्नास्ट पूरे दस अंक हासिल नहीं कर सका था, यह सभी के लिए हैरतअंगेज कारनामा था।

उस समय के स्कोर बोर्ड इतने आधुनिक नहीं होने के कारण बोर्ड पर केवल 1.00 ही दिखा। बाद में यह स्पष्ट किया गया कि नादिया को मिलने वाले अंक 10.0 हैं। नादिया ने पूरे खेलों के दौरान छः बार और 'परफेक्ट टेन' हासिल किए। उन्होंने ऑल राउंड, बीम और बार वर्ग में स्वर्ण और फ्लोर एक्सरसाइज में कांस्य पदक हासिल किया। रोमानिया टीम स्पर्धा में दूसरे स्थान पर रहा।

नादिया ओलिम्पिक में ऑल राउंड खिताब जीतने वाली पहली रोमानियाई जिम्नास्ट बनीं। उनके नाम सबसे कम आयु में ऑल राउंड चैम्पियन बनने का भी रिकॉर्ड दर्ज है। इसके बाद खेल में हिस्सा लेने वाले की न्यूनतम आयु में बदलाव करते हुए इसे 16 वर्ष कर दिया गया। नादिया ने 1980 के मॉस्को ओलिम्पिक तक जिम्नास्टिक्स में अपना वर्चस्व कायम रखा।