• Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. »
  3. व्रत-त्योहार
  4. »
  5. चैत्र नवरात्रि
Written By WD

देवी मां की कृपा प्राप्ति के अचूक ‍सिद्ध मंत्र

मां भगवती की कृपा मिलेगी इन दिव्य मंत्रों से

अचूक सिद्ध मंत्र
हर संकट दूर करते हैं देवी मंत्
FILE

नवर‍ात्रि सुख और समृद्घि देती है। नवरात्रि में नौ दिनों तक की गई मां की उपासना से जीव का कल्याण होता है। मां अंबा सभी जीवों की रक्षा करने वाली है। सृष्‍टि का संहार और पालन करने की अपार शक्ति उनके पास है। मां अपने भक्तों के लिए विशेष कृपालु होती है और अपने भक्तों के सारे कष्टों को दूर कर देती है। पेश है चमत्कारिक देवी मंत्रों पर विशेष सामग्री :

भक्ति की प्राप्ति :
नतेभ्य: सर्वदा भक्त्या चण्डिके दुरितापहे।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।

मंत्र जप संख्या 5000, हवन संख्या 2100, हवन सामग्री- घृत, मधु।

मंगल प्राप्ति :
सर्वमंगमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तुऽते।

मंत्र जप संख्या 10000, हवन संख्या 3100, हवन सामग्री- घृत, कमल गट्‍टा।

FILE
मोक्ष प्राप्ति :
त्वं वैष्णवो शक्तिरनन्तवीर्या विश्वस्य बीजं परमासि माया।
सम्मोहितं देवि समस्तमेतत् त्वं वै प्रसन्ना भुवि मुक्ति हेतु:।।

मंत्र जप संख्या 2100, हवन संख्या 101, हवन सामग्री- घृत।

महामारी विनाश :
जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

मंत्र जप संख्या 2100, हवन संख्या 1000, हवन सामग्री- घृत, चंदन।

विपत्ति नाश :
शरणागतदीनार्थपरित्राण परायणे।
सर्वस्तयार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तुते।।

मंत्र जप संख्या 5000, हवन स. 1000, हवन सामग्री - घृत।

शत्रु विनाश :
सर्वाबाधाप्रशमनं त्रैलोक्यस्या‍‍‍खिलेश्वरी।
एवमेव त्वया कार्यमस्मद्‍वैरी विनाशनम्।।

मंत्र जप संख्या 10000, हवन संख्या 5000, हवन सामग्री- काली मिर्च, घृत।

सर्वबाधा निवारण :
सर्वाबाधाविनिर्मुक्तो धनधान्यसुतान्वित:।
मनुष्यों मत्प्रसादेन भविष्यति न संशय।।

मंत्र जप संख्या 5000, हवन संख्या 1100, हवन सामग्री-सरसों व घृत।

मनोनुकूल पत्नी :
पत्नी मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्।
तारिणी दुर्गसंसार सागरस्य कुलोद्‍भवाम्।।

मंत्र जप संख्या 3000, हवन संख्या 1000, हवन सामग्री- घृत।

भय नाश :
सर्वस्वरूपे सर्वज्ञे सर्वशक्तिसमन्विते।
भयैभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तुते।।

मंत्र जप संख्या 5000, हवन संख्या 2100, हवन सामग्री- घृत।