हिन्दू मंदिरों से हटेगी अब साई बाबा की मूर्ति
मंदिर से साई बाबा की मूर्ति हटाने का प्रस्ताव पारित
रायपुर। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में धर्म संसद ने फैसला किया है कि साई बाबा भगवान नहीं हैं और सनातन धर्म के लिए लोग उनकी पूजा नहीं करें।धर्म संसद के मीडिया प्रभारी राजेश जोशी ने सोमवार को भाषा को दूरभाष पर बताया कि कबीरधाम जिले के जिला मुख्यालय कवर्धा में आयोजित धर्म संसद में काशी विद्वत परिषद ने फैसला किया है कि साई बाबा न भगवान हैं और न ही गुरु, इसलिए उनकी पूजा नहीं हो सकती है।परिषद ने कहा कि सनातन धर्म के लोग वेद शास्त्रों के अनुसार अवतरित देवी-देवताओं की पूजा करते हैं और इसलिए सनातन धर्मी अपनी देवी-देवताओं के साथ साई बाबा की पूजा नहीं करे।द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा साई को भगवान मानने से इंकार करने और उनकी पूजा बंद करने का आह्वान के बाद कवर्धा में दिव्य चातुर्मास महोत्सव समिति द्वारा दो दिवसीय धर्म संसद का आयोजन किया गया था। संसद में देश भर के साधु और महामंडलेश्वरों ने हिस्सा लिया। संसद के अंतिम दिन आज काशी विद्वत परिषद ने फैसला लेते हुए सनातन धर्मियों को साई की पूजा नहीं करने के लिए कहा।
अगले पन्ने पर और क्या कहा संतों ने...
जोशी ने बताया कि इसके साथ ही धर्म संसद ने देश में गौ हत्या बंद करने और गौ की रक्षा करने, निर्मल गंगा अविरल गंगा बहाने, नकली साधू, महमंडलेश्वरों को स्वीकार नहीं करने, स्कूली पाठ्यक्रम में रामयण, गीता और महाभारत शामिल करने, देश को नशामुक्त करने, महिलाओं की सुरक्षा एवं सम्मान करने और अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कर उसमें रामलला की मूर्ति स्थापित करने का भी प्रस्ताव पारित किया।उन्होंने बताया कि इस धर्म संसद में शामिल होने के लिए श्रीसाई बाबा संस्थान ट्रस्ट को भी निमंत्रण भेजा गया था लेकिन ट्रस्ट की ओर से प्रतिनिध शामिल नहीं हुए। हालंकि दिल्ली और अहमदाबाद से साई भक्तों ने इस धर्म संसद में हिस्सा लिया। अगर मंदिरों ने मूर्तियां नहीं हटाई तो...
मंच से एलान किया गया है कि अगर हिन्दू देवी-देवताओं के मन्दिर से साई की मूर्तियां नहीं हटाई गई तो शंकराचार्य के आदेश से साधु-संत मन्दिरों से साईं की मूर्तियां हटाएंगे। संतों ने कहा है कि साई को ईश्वर नहीं माना जा सकता।धर्म संसद के मंच पर साई भक्त को बोलने से रोका गया था। उसे मंच से उतार दिया गया था। धर्म संसद के मीडिया प्रभारी राजेश जोशी ने बताया कि कबीरधाम जिले के जिला मुख्यालय कवर्धा में आयोजित धर्म संसद में काशी विद्वत परिषद ने फैसला किया है कि साई बाबा न भगवान हैं और न ही गुरू इसलिए उनकी पूजा नहीं हो सकती है।