Last Modified: नई दिल्ली ,
सोमवार, 30 दिसंबर 2013 (14:21 IST)
केजरीवाल की पानी योजना की जड़ें खेड़ा गांव में...
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नई दिल्ली। दिल्ली के नव निर्वाचित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का दिल्ली के लोगों को साफ पेयजल उपलब्ध कराने का मिशन उनके दादा से प्रेरित है। उनके पैतृक गांव खेड़ा के लोग तो कम से कम ऐसा ही मानते हैं।
गांव के बुजुर्गों का कहना है कि हरियाणा के भिवानी जिले के खेड़ा गांव में रहने वाले उनके दादा मंगल चंद ने अपने गांव और आसपास के गांव के लोगों की पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने खर्चे पर एक कुंआ बनवाया था। गांव के लोगों का मानना है कि अरविंद में लोगों की सेवा करने का जो जज्बा है वह उन्हें उनके दादा मंगल चंद से विरासत में मिला है।
मंगल चंद भिवानी के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता थे। 1977 में आपात काल के बाद हुए चुनावों में उन्होंने जनता पार्टी की प्रत्याशी चंद्रावती का समर्थन किया था। तब चंद्रावती ने कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बंशीला ल को पराजित किया था।
केजरीवाल के चाचा मुरारी लाल बताते हैं कि 1977 के दौरान सिवानी कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी और लोग कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ने से झिझकते थे। मंगल चंद ने सिवानी बस स्टेंड पर जनता पार्टी का कार्यालय खोला था।
खेड़ा की सरपंच भगवानी देवी कहती हैं कि अरविंद केजरीवाल की दिल्ली के निवासियों को मुफ्त पानी उपलब्ध कराने की जड़ें खेड़ा गांव में हैं। जब गांव और इसके समीपवर्ती गांवों में पीने के पानी की बहुत कमी हो गई थी तब मंगल चंद ने अपने खर्चे पर बहुत गहरा कुंआ बनवाया था।
इस कुएं से खेड़ा ही नहीं बख्तावरपुरा, मीरान, धानी मीरान, ढाणी दयाचंद, धीरजा और ढाणी बलहारा गांवों की पानी की जरूरतें पूरी होती थीं। बाद में, उनका परिवार खेड़ा से सिवानी में रहने चला गया था, लेकिन जब मुरारी लाल को पता लगा कि लोगों को कुएं से पानी निकालने में परेशानी होती है तो उन्होंने कुएं के पास वाटर पम्प लगवा दिया था।
मुरारी लाल सिवानी में रहते हैं, लेकिन उनका कहना है कि वे कुएं को बेहतर हालत में बनाए रखने और इसकी देखरेख के लिए अभी भी खेड़ा आते-जाते रहते हैं।