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Last Updated : शुक्रवार, 29 सितम्बर 2017 (16:25 IST)

अरुण जेटली पर यशवंत सिन्हा का तीखा हमला

अरुण जेटली पर यशवंत सिन्हा का तीखा हमला - Yashwant Sinha vs Arun Jaitley
नई दिल्ली। मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर उठी बहस के बीच भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने शुक्रवार को फिर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली कभी चुनाव जीतकर सरकार में नहीं आए हैं इसलिए वह आम जनता की समस्याओं और अपेक्षाओं से कोई सरोकार नहीं रखते हैं।
 
सिन्हा ने श्री जेटली के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जेटली के कभी चुनाव न जीत पाने पर तंज कसते हुए कहा, 'मैंने आईएएस की नौकरी छोड़ने के 15 दिनों के भीतर अपने लिए एक संसदीय क्षेत्र का चुनाव कर लिया था। वह 30 साल बाद भी एक लोकसभा सीट की तलाश में हैं। जेटली कभी लोकसभा में नहीं रहे, इसलिए उन्हें पता नहीं है कि लोगों की अपेक्षाएं क्या होती हैं और समस्याएं क्या होती हैं। जेटली आज की नौजवान पीढ़ी से जाकर पूछें कि क्या उन्हें नौकरी मिल रही है। जेटली के पास कितने लोग नौकरी मांगने के लिए आते हैं। वह कभी लोकसभा में रहे ही नहीं तो उन्हें इस बारे में पता नहीं होगा।"
 
उन्होंने कहा कि लोकसभा का सदस्य ही समझ सकता है कि किसी संसदीय क्षेत्र में 15 से 16 लाख लोगों की चिंता कैसे की जा सकती है। जेटली ने सिन्हा के एक लेख पर कल कहा था कि श्री सिन्हा 80 वर्ष की आयु में पद की तलाश में हैं।
 
इस पर सिन्हा ने कहा, 'मैं मुद्दों की बात कर रहा हूं, लेकिन वह निजी हमले कर रहे हैं। जिन्होंने लोकसभा की शक्ल नहीं देखी, वह मुझ पर पद मांगने का आरोप लगा रहे हैं।'
सिन्हा ने जेटली पर तीखा हमला करते हुए कहा कि आईएएस की नौकरी और राज्य मंत्री जैसे पद का त्याग करने वाले व्यक्ति पर वह नौकरी मांगने का आरोप लगा रहे हैं। जेटली ने अटल  बिहारी वाजपेयी की सरकार में बिना चुनाव लड़े ही राज्य मंत्री का पद लिया था।
 
उन्होंने कहा, 'जेटली मेरी पृष्ठभूमि भूल गए हैं। वह भूल गए हैं कि मेरी 12 साल की आईएएस नौकरी बाकी थी और मैं सब कुछ छोड़कर राजनीति में आया था। आज कोई कहे कि मैं 80 साल की आयु में पद मांग रहा हूं तो यह सही कैसे हो सकता है।'
 
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, '1989 में श्री वी पी सिंह देश के प्रधानमंत्री थे, उन्होंने मुझे शपथ के लिए राष्ट्रपति भवन बुलाया था। मैं बिना शपथ के वापस आ गया क्योंकि मुझे लगा कि वह मेरे साथ न्याय नहीं कर रहे। मैंने मंत्री पद का त्याग किया, आईएएस का पद छोड़ दिया।' (वार्ता)