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Last Updated :नई दिल्ली , बुधवार, 16 अगस्त 2023 (08:59 IST)

Weather Updates: दिल्ली में यमुना खतरे के निशान के पार, हिमाचल में बारिश से 56 लोगों की मौत

Weather Updates: दिल्ली में यमुना खतरे के निशान के पार, हिमाचल में बारिश से 56 लोगों की मौत - Yamuna's water level in Delhi crosses the danger mark
Weather Updates: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) और उत्तराखंड (Uttarakhand) जैसे पहाड़ी राज्यों में लगातार मूसलधार बारिश हो रही हैं। इस बारिश ने दिल्ली की चिंता भी बढ़ानी शुरू कर दी है। यहां यमुना नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़कर खतरे के निशान को पार कर गया। उधर हिमाचल में बारिश से अब तक 56 लोगों की मौत हो चुकी है।
 
केंद्रीय जल आयोग की वेबसाइट के अनुसार मंगलवार रात 10 बजे पुराने रेलवे पुल पर यमुना का जलस्तर 205.39 मीटर दर्ज किया गया, जो कि खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर है। उधर हरियाणा के यमुना नगर में हथिनीकुंड बैराज पर पानी का प्रवाह दर भी बढ़कर 75,000 क्यूसेक हो गई, जो 26 जुलाई के बाद सबसे अधिक है। ऐसे में दिल्ली वालों को एक बार फिर से मध्य जुलाई जैसे अभूतपूर्व जलभराव और बाढ़ की चिंता सताने लगी है।
 
राजधानी में 10 जुलाई से लगातार 8 दिन तक नदी खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर बही। इस दौरान 13 जुलाई को यमुना नदी का स्तर रिकॉर्ड 208.66 मीटर तक पहुंच गया था। इस बाढ़ के कारण 27,000 से अधिक लोगों को निकालकर को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था। इस दौरान संपत्ति, कारोबार आदि के लिहाज से भी करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ था।
 
हालांकि यमुना में एक बार फिर बाढ़ आने की इन आशंकाओं के बीच दिल्ली सरकार के सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि दिल्ली में नदी का जलस्तर बढ़ जाएगा, लेकिन इससे गंभीर स्थिति उत्पन्न होने की आशंका नहीं है। अधिकारी ने बताया कि नदी के किनारे निचले इलाकों में बाढ़ आ सकती है, लेकिन स्थिति गंभीर होने के आसार कम हैं। उन्होंने कहा कि हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं। जल स्तर बढ़ सकता है, लेकिन गंभीर स्थिति की आशंका नहीं है।
 
बता दें कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में मूसलधार बारिश ने सोमवार को भारी तबाही मचाई थी। इस बारिश के अकेले हिमाचल में जहां कम से कम 53 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं उत्तराखंड में भी 3 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है, जबकि 5 अन्य लापता हो गए। इस मूसलधार बारिश के कारण दोनों राज्यों में कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं और भूस्खलन की घटना हुईं। यहां बद्रीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री मंदिरों तक जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग क्षतिग्रस्त हो गए जिससे चारधाम यात्रा भी रोकनी पड़ी।
 
Himachal Pradesh flood
हिमाचल प्रदेश में 3 और शव बरामद, मृतक संख्या 56 हुई : शिमला से मिले समाचारों के अनुसार हिमाचल प्रदेश के शिमला में क्षतिग्रस्त शिव मंदिर के मलबे में से मंगलवार को 1 और व्यक्ति का शव बरामद होने और कृष्णा नगर इलाके में शाम को भूस्खलन के कारण 2 लोगों की मौत के बाद राज्य में बारिश के कारण हुई घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 56 हो गई है।
 
यहां कृष्णानगर इलाके में भूस्खलन के बाद कम से कम 8 घर ढह गए और एक बूचड़खाना मलबे में दब गया। शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने बताया कि ताजा भूस्खलन में 2 शव बरामद किए गए हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार से अब तक कुल 19 शव बरामद किए गए हैं जिनमें से 12 समर हिल में शिव मंदिर स्थल से, 5 फागली में और 2 कृष्णानगर में बरामद किए गए हैं। उन्होंने बताया कि शिव मंदिर स्थल पर अभी भी 10 से अधिक लोगों के फंसे होने की आशंका है।
 
शिक्षा विभाग द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया कि खराब मौसम के कारण राज्य के सभी स्कूल और कॉलेज 16 अगस्त को 1 दिन के लिए बंद रहेंगे। राज्य में रविवार से भारी बारिश से भूस्खलन और बादल फटने के कारण सड़कें अवरुद्ध हो गईं और घर ढहने की घटनाएं सामने आ रही हैं।
 
शिमला के उपायुक्त आदित्य नेगी ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और सेना ने पुलिस तथा राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के साथ मिलकर सुबह करीब 6 बजे समरहिल में बचाव अभियान फिर से शुरू किया। उन्होंने बताया कि भारी वर्षा के बाद सोमवार रात को बचाव अभियान स्थगित कर दिया गया था। सोमवार सुबह करीब 7.15 बजे जब मंदिर में भूस्खलन हुआ तो सावन महीने के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु वहां मौजूद थे।
 
इस बीच हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने मूसलधार बारिश को देखते हुए शिक्षण गतिविधियों को 19 अगस्त तक निलंबित कर दिया है। विश्वविद्यालय का पुस्तकालय भी 20 अगस्त तक बंद रहेगा। मंगलवार को विश्वविद्यालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार अध्यापक एवं शिक्षणेतर कर्मी अपनी ड्यूटी पर आम दिनों की तरह आएंगे। मंडी जिले में सोमवार को वर्षाजनित घटनाओं में 19 लोगों की जान चली गई। वहां के उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने यह जानकारी दी।
 
रविवार देर रात सेघली पंचायत में भूस्खलन में 2 साल के बच्चे सहित एक ही परिवार के 7 सदस्यों की मौत हो गई, जबकि पंडोह के पास संभल में 6 शव बरामद किए गए। सोलन जिले में 11 लोगों की जान चली गई। रविवार रात बादल फटने से जादोन गांव में 2 घर बह गए जिससे एक ही परिवार के सात सदस्यों की मौत हो गई।
 
यहां समर हिल के समीप भूस्खलन की चपेट में 50 मीटर लंबा पुल आ जाने के कारण यूनेस्को विश्व धरोहर शिमला-कालका रेलवे लाइन क्षतिग्रस्त हो गई। स्टेशन मास्टर जोगिंदर सिंह ने बताया कि शिमला से करीब 6 किलोमीटर पहले समर हिल के पास कांक्रीट का पुल पूरी तरह नष्ट हो गया तथा 5 या 6 स्थानों पर इस धरोहर रेलमार्ग को क्षति पहुंची तथा सबसे अधिक नुकसान शिमला एवं शोघी के बीच हुआ है।
 
राज्य में 12 में से 11 जिलों में 857 सड़कों पर यातायात अवरुद्ध है तथा 4,285 ट्रांसफार्मर और 889 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हैं। कुल्लू जिले से सूचना अभी प्राप्त नहीं हुई है। राज्य आपात अभियान केंद्र के अनुसार 22 जून से 14 अगस्त तक मानसून के दौरान हिमाचल प्रदेश को 7,171 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
 
राज्य में मानसून के दौरान बादल फटने तथा भूस्खलन की कुल 170 घटनाएं हुई हैं और करीब 9,600 मकान आंशिक या पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं, वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में मंगलवार को समीक्षा बैठक हुई जिसमें उन्होंने बिजली, जलापूर्ति योजनाओं को बहाल करने के आदेश दिया।
 
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में बारिश में लगभग 157 प्रतिशत की वृद्धि के कारण पूरे हिमाचल प्रदेश में व्यापक क्षति हुई है। यहां जारी एक बयान के अनुसार उन्होंने अधिकारियों को पिछले कुछ दिनों में मूसलधार बारिश से प्रभावित बिजली और जलापूर्ति योजनाओं को तेजी से बहाल करने का भी निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने शिमला में जल निकासी प्रणालियों के सुदृढ़ीकरण और पुराने नालों के जीर्णोद्धार पर जोर दिया। उन्होंने प्रस्ताव पर एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का भी आदेश दिया।
 
पंजाब के कई जिलों में कई गांव जलमग्न : होशियारपुर, रूपनगर व गुरदासपुर से मिले समाचारों के अनुसार पंजाब के होशियारपुर जिले में ब्यास नदी तथा रूपनगर में सतलुज नदी के आसपास के कई गांव पोंग और भाखड़ा बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद जलमग्न हो गए हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
 
उन्होंने बताया कि कई ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और अधिकारी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। गुरदासपुर जिला प्रशासन ने भी निचले इलाकों और ब्यास नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा है।
 
पोंग बांध से पानी छोड़ने का फैसला लिए जाने के बाद, पंजाब सरकार ने सोमवार को जारी एक परामर्श में गुरदासपुर, अमृतसर, होशियारपुर, कपूरथला और तरणतारण जिलों में लोगों से ब्यास नदी के निकट नहीं जाने को कहा है। सतलुज पर भाखड़ा बांध और ब्यास नदी पर पोंग बांध (दोनों हिमाचल प्रदेश में) का जलस्तर संबद्ध जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद बढ़ रहा है।
 
अधिकारियों ने बताया कि पोंग बांध से पानी छोड़े जाने के चलते होशियारपुर के, तलवारा, हाजीपुर और मुकेरियां गांवों में खेत जलमग्न हो गए। उन्होंने बताया कि निचले इलाके वाले गांवों और खेतों में तथा ब्यास नदी के पास कुछ घरों में पानी घुस गया है।
 
हाजीपुर ब्लॉक में बील सराइना गांव में 3 फुट पानी जमा हो गया है जिसके चलते कुछ ग्रामीणों को पुरोचक में एक गुरुद्वारा में ठहराया गया है। हाजीपुर इलाके के पट्टी नाम नगर, हंडोवाल, उलाहा, धाडे करवाल और पट्टी नवे घर गांव तथा तलवारा ब्लॉक के चंगढ़वान, चकमीरपुर और सतवाना गांव भी जलमग्न हो गए हैं।
 
उन्होंने बताया कि मुकेरियां ब्लॉक के मेहताबपुर, मौली और नौशेरा गांवों के खेतों में भी पानी घुस गया है। तलवारा के थाना प्रभारी हरगुरदेव सिंह ने बताया कि बांध से पानी छोड़े जाने के बाद शाह नहर बराज के नजदीक फंसे 5 प्रवासियों को बचा लिया गया है।
 
पुलिस ने बताया कि अन्य 15 श्रमिकों को चकमीरपुर गांव से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। नदी के पास स्थित चंघरवान गांव में 9 लोगों के एक परिवार को भी निकाला गया। होशियारपुर की उपायुक्त कोमल मित्तल ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा मोचन बल और गैर सरकारी संगठनों को राहत कार्यों में लगाया गया है।
 
जिला प्रशासन ने विभिन्न स्थानों पर 6 राहत शिविर स्थापित किए हैं। मित्तल ने बताया कि 450 लोगों को निकाला गया और राहत शिविरों व अन्य सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। उन्होंने बताया कि बाढ़ से करीब 30 गांव प्रभावित हुए हैं तथा इन गांवों के लोगों से स्वैच्छिक रूप से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है।
 
उन्होंने बताया कि स्थिति की करीबी निगरानी की जा रही है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में किसी की जान जाने की अभी तक कोई सूचना नहीं है। तलवारा में ब्यास बांध के मुख्य अभियंता अरुण कुमार सिदाना ने कहा कि पोंग बांध में जल प्रवाह 1.42 लाख क्यूसेक है और नियंत्रित तरीके से पानी छोड़ा जा रहा है।
 
पोंग बांध में जल स्तर अभी 1,399.65 फुट है। भाखड़ा बांध में जलस्तर सोमवार को करीब 1,677 फुट रहा। रूपनगर जिले में, बेला ध्यानी, भानम, आनंदपुर साहिब में पलासी भी भाखड़ा बांध से पानी छोड़े जाने के बाद जलमग्न हो गए हैं।
 
पंजाब के शिक्षा मंत्री एवं आनंदपुर साहिब के विधायक हरजोत बैंस ने कहा कि कुछ गांव भाखड़ा बांध से पानी छोड़े जाने से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और दहशत में नहीं आने की अपील की गई है। बैंस ने एक वीडियो संदेश में कहा कि हिमाचल प्रदेश में पिछले 2 दिनों में भारी बारिश होने के बाद भाखड़ा बांध से उसका अतिरिक्त पानी छोड़ा गया है। बैंस ने सोशल मीडिया साइट 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि भाखड़ा बांध से पानी छोड़े जाने के चलते मेरे निर्वाचन क्षेत्र में कई गांव बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। हम लोगों को खतरनाक स्थानों से निकाल रहे हैं।
 
औसत समुद्र तल पर मानसून ट्रफ फिरोजपुर, रोहतक, मेरठ, गोरखपुर, सुपौल, कूचबिहार और फिर पूर्व की ओर नगालैंड से होकर गुजर रही है। चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण बांग्लादेश और आसपास के क्षेत्रों पर है। यह ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुकते हुए औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। एक अन्य चक्रवाती परिसंचरण पश्चिम मध्यप्रदेश के ऊपर समुद्र तल से 3.1 से 5.6 किमी ऊपर है। एक उत्तर-दक्षिण ट्रफ रेखा दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक से कोमोरिन क्षेत्र तक फैली हुई है।
 
औसत समुद्र तल पर मानसून ट्रफ फिरोजपुर, रोहतक, मेरठ, गोरखपुर, सुपौल, कूचबिहार और फिर पूर्व की ओर नगालैंड से होकर गुजर रही है। चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण बांग्लादेश और आसपास के क्षेत्रों पर है। यह ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुकते हुए औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। एक अन्य चक्रवाती परिसंचरण पश्चिम मध्यप्रदेश के ऊपर समुद्र तल से 3.1 से 5.6 किमी ऊपर है। एक उत्तर-दक्षिण ट्रफ रेखा दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक से कोमोरिन क्षेत्र तक फैली हुई है।

औसत समुद्र तल पर मानसून ट्रफ फिरोजपुर, रोहतक, मेरठ, गोरखपुर, सुपौल, कूचबिहार और फिर पूर्व की ओर नगालैंड से होकर गुजर रही है। चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण बांग्लादेश और आसपास के क्षेत्रों पर है। यह ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुकते हुए औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। एक अन्य चक्रवाती परिसंचरण पश्चिम मध्यप्रदेश के ऊपर समुद्र तल से 3.1 से 5.6 किमी ऊपर है। एक उत्तर-दक्षिण ट्रफ रेखा दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक से कोमोरिन क्षेत्र तक फैली हुई है।
 
आज के मौसम की संभावित गतिविधि : स्काईमेट के अनुसार आज बुधवार को अरुणाचल प्रदेश, पूर्वी असम, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और मेघालय में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कहीं-कहीं अति भारी बारिश संभव है। गंगीय पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तरप्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों, गुजरात के कुछ हिस्सों, महाराष्ट्र, तेलंगाना, तटीय आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में बारिश संभव है।(एजेंसियां)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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