दुनिया के 8 देशों में 6 हजार कर्मचारियों पर सर्वे, तनाव बढ़ा रहा ‘वर्क फ्रॉम होम’
- ऑफिस वर्क और पारिवार के बीच बिगड़ा संतुलन
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भारत में सबसे अधिक 29 फीसदी लोग परेशान
कोरोना महामारी की वजह से ज्यादातर कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। ऐसे में डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ने की वजह से किसी भी समय मीटिंग व किसी भी समय काम की प्रवृत्ति बढ़ रही है।
इससे उन्हें महीने में 60 घंटे अतिरिक्त काम करना पड़ रहा है। इससे उनमें काम व पारिवारिक संतुलन बनाने में दिक्कत हो रही है। माइक्रोसॉफ्ट वर्क ट्रेंड इंडेक्स के अनुसार एशियाई देशों में दूसरे नंबर पर भारत में सबसे अधिक 29 फीसदी लोग परेशान है। करीब आठ देशों में किए सर्वे में करीब 6000 कर्मचारियों को शामिल किया गया था।
लगातार कई ऑनलाइन मीटिंग से थकान बढ़ती है। इससे तनाव व कर्मचारी की कार्यक्षमता भी प्रभावित हो रही है। इसलिए कंपनियां अपने कर्मचारियों को वापस ऑफिस में बुलाने के लिए कह रही हैं।
तो क्या किया जाए?ध्यान करें: सर्वे में 10 में से 7 लोगों ने कहा कि ध्यान से तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है। वहीं शिक्षण कार्यों से जुड़े लोग जो वर्क फ्रॉम होम कर रहे थे, उनमें यह आंकड़ा 83 फीसदी तक है। इससे नकारात्मक प्रतिक्रिया में भी कमी आती है।
डाइट लें और व्यायाम करें: शारीरिक व मानसिक सेहत के लिए पोषणयुक्त आहार जरूरी है क्योंकि तनाव न सिर्फ मस्तिष्क बल्कि शरीर को भी प्रभावित करता है। मौसमी फलों, सब्जियों, साबुत अनाज का प्रयोग करें। इससे रोग प्रतिरोधकता मजबूत होती है। पोषण की कमी से थकान, सिरदर्द हो सकता है। नियमित व्यायाम से एंडोर्फिन हार्मोन रिलीज होता है। यह मूड को अच्छा रखता है।
4-7-8 तकनीक: इसे तकनीक को रिलेक्सिंग ब्रीद भी कहते हैं। इसमें 4 सेकेंड तक सांस अंदर ली जाती है। 7 सेकेंड तक सांस को रोका जाता है। 8 सेकेंड तक धीरे-धीरे सांस छोड़ते हैं। इससे दबाव, तनाव में कमी व नींद बेहतर आती है।
घर में कोना बनाएं: घर में ऐसी जगह हो, जो शांति व हवादार वाली हो। जहां से ऑफिस संबंधित काम को अच्छे से अंजाम दे सकें।
पहले से बेहतर करें: किसी गड़बड़ी के लिए अपराध बोध का विचार मन में न पालें। उसमें सुधार व बेहतर तरीके से करने की सोचें।