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  4. Will the Modi government fulfill the agenda of the RSS by making population control policy?
Written By Author विकास सिंह
Last Updated : गुरुवार, 20 अक्टूबर 2022 (12:37 IST)

जनसंख्या नियंत्रण नीति लाकर संघ के एजेंडे को पूरा करेगी मोदी सरकार?

Population
छोटे परिवार के लिए शुरू से हिमायती रहा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अब जनसंख्या नियंत्रण नीति लाने के अपने एजेंडे को लेकर काफी मुखर हो गया है। देश में जनसंख्या नियंत्रण नीति लाने को लेकर राष्ट्रीय स्वयं संघ ने मोदी सरकार पर दबाव बड़ा दिया है। संघ प्रमुख मोहन भागवत के बाद संघ में दो नंबर सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने देश में सब पर लागू होने वाली जनसंख्या नीति बनाने की बात कही है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि देश में जनसंख्या विस्फोट चिंताजनक है। इसलिए इस विषय पर समग्रता से व एकात्मता से विचार करके सब पर लागू होने वाली जनसंख्या नीति बननी चाहिए। उन्होंने कहा कि जनसंख्या असंतुलन के कारण कई देशों में विभाजन की नौबत आई है। भारत का विभाजन भी जनसंख्या असंतुलन के कारण हो चुका है।

वहीं जनसंख्या असंतुलन से जुड़े एक सवाल पर होसबाले ने कहा कि पिछले 40-50 वर्षों से जनसंख्या नियंत्रण पर जोर देने के कारण प्रत्येक परिवार की औसत जनसंख्या 3.4 से कम होकर 1.9 हो गई है। इसके चलते भारत में एक समय ऐसा आएगा, जब युवाओं की जनसंख्या कम हो जाएगी और वृद्ध लोगों की आबादी अधिक होगी, यह चिंताजनक है। उन्होंने देश को युवा देश बनाए रखने के लिए जनसंख्या को संतुलित रखने पर ज़ोर दिया।

क्या बोले थे संघ प्रमुख मोहन भागवत?- इससे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने संघ के विजयादशमी उत्सव में जनसंख्या असंतुलन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भारत में जनसंख्या पर एक समग्र नीति बने जो सब पर समान रूप से लागू हो और किसी को छूट नहीं मिले। सरसंघचालक ने कहा कि जनसंख्या असंतुलन भौगोलिक सीमाओं में बदलाव का कारण बनती है, ऐसे में नयी जनसंख्या नीति सब पर समान रूप से लागू हो और किसी को छूट नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी जनसंख्या पॉलिसी बनानी चाहिए जो सभी पर बराबरी से लागू हो।
 

जनसंख्या नियंत्रण कानून भारत के लिए क्यों जरूरी?-जनसंख्या के मामले में भारत के बढ़ते आंकड़े डरावने वाले है। 1.35 अरब आबादी के साथ दुनिया में भारत दूसरे स्थान पर है। भारत में बढ़ती जनसंख्या को लेकर लगातार चिंता जताई जा रही है। जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर पीएमओ में प्रजेंटेशन देने के साथ सर्वोच्च अदालत में इस मुद्दें पर जनहित याचिका लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर कहते हैं कि जनसंख्या नियत्रंण कानून आज देश की जरूरत है और मुझे लगता है कि इसमें अब एक दिन की भी देरी नहीं की जानी चाहिए।

हर भारत में हर दिन 86 हजार बच्चे पैदा हो रहे है यानि तीन करोड़ बच्चे सिर्फ 2022 में पैदा हो जाएंगे। जनसंख्या हमारे समाज पर किस तरह से प्रभाव डाल रही है, इसको ऐसे समझा जा सकता है कि जब तक सरकार दो करोड़ लोगों को रोजगार देगी तब तक 10 करोड़ लोग बेरोजगार पैदा हो जाएंगे। सरकार जबतक 2 करोड़ लोगों को घर देगी तब तक 10 करोड़ लोग बेघर हो जाएंगे। जब तक देश में कठोर जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं बनेगा तक तक देश का विकास नहीं हो सकता।

वहीं अश्विनी उपाध्याय कहते हैं कि जब कानून बनेगा तो वह सभी पर लागू होगा औऱ वास्तव में जो समाज पिछड़ा है उसके लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून ज्यादा जरूरी है। बढ़ती जनसंख्या आज भारत के लिए चुनौती और कई समस्याओं की जड़ है।

चीन से अधिक भारत की जनसंख्या–अश्विनी उपाध्याय कहते हैं कि आज भारत की जनसंख्या चीन से अधिक हो गई है। वह कहते हैं कि वर्तमान समय में 124 करोड़ भारतीयों के पास आधार है, लगभग 20% नागरिक (विशेष रूप से बच्चे) बिना आधार के हैं तथा 5 करोड़ बंगलादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिये अवैध रूप से भारत में रहते हैं।

इससे स्पष्ट हैं कि हमारे देश की जनसंख्या 135 करोड़ नहीं बल्कि 150 करोड़ से ज्यादा है और हम चीन से आगे निकल चुके हैं। इसके ठीक उलट अगर यदि संसाधनों की बात करें तो हमारे पास कृषि योग्य भूमि दुनिया की लगभग 2% और पीने योग्य पानी 4% है लेकिन जनसंख्या 20% है। यदि चीन से तुलना करें तो क्षेत्रफल चीन का लगभग एक तिहाई है लेकिन जनसंख्या वृद्धि की दर चीन की तीन गुना है। चीन में प्रति मिनट 11 बच्चे और भारत में प्रति मिनट 33 बच्चे पैदा होते हैं।

जनसंख्या नियंत्रण पर नीति बनाएगी मोदी सरकार?-देश की बढ़ती जनसंख्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चिंता जता चुके है। लाल किले की प्राचीर से 15 अगस्त 2019 के दिए अपने भाषण में देश की बढ़ती जनसंख्या पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत में जनसंख्या विस्फोट हो रहा है, ये आने वाली पीढ़ी के लिए संकट पैदा कर रहा है। प्रधानमंत्री ने आबादी नियंत्रण के लिए छोटे परिवार पर जोर दिया।

मोदी सकार जो अपने दूसरे कार्यकाल में संघ के एजेंडे को तेजी से पूरा करती हुई दिखाई दे रही है, वह क्या अब संघ प्रमुख मोहन भागवत के जनसंख्या नियंत्रण कानून पर साफ संदेश के बाद क्या आने वाले दिनों में उस पर कोई बड़ा फैसला लेगी, यह देखना होगा।