सुप्रीम कोर्ट का ममता बनर्जी सरकार को झटका, हिंसा के माहौल में चुनाव नहीं कराया जा सकता
West Bengal Panchayat Elections : पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य चुनाव आयोग को बड़ा झटका दिया। हाईकोर्ट के केंद्रीय बलों की तैनाती के आदेश को बरकरार रखते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि चुनाव कराना हिंसा करने का लाइसेंस नहीं है। हिंसा के माहौल में चुनाव नहीं कराया जा सकता। शीर्ष निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव सुनिश्चित किए जाने चाहिए।
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव हिंसा मामले में ममता सरकार और राज्य चुनाव आयोग की याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।
जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच सुनवाई के दौरान कहा कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने 48 घंटे में हर जिले में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती का आदेश दिया था। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई।
13 जून को राज्य चुनाव आयोग सुरक्षा को लेकर असेसमेंट कर रहा था। 15 जून को हाईकोर्ट ने 48 घंटे मे अर्धसैनिक बलो को तैनात करने का आदेश दिया था। बंगाल सरकार ने कहा कि 8 जुलाई को चुनाव होना है। आज नाम वापस लेने की आखिरी तारीख है। कुल 189 संवेदनशील बूथ हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाए और कहा कि हाईकोर्ट के अर्धसैनिक बलों की तैनाती के आदेश से चुनाव आयोग कैसे प्रभावित होगा? सुरक्षा बल कहां से आएं इससे आयोग को कोई लेना- देना नहीं। चाहे ये केंद्रीय बल हो या अन्य राज्यों के आयोग को क्या परेशानी होगी?