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Last Updated : बुधवार, 10 जनवरी 2024 (20:24 IST)

maharashtra politics : नार्वेकर के फैसले को चुनौती देगा शिवसेना का उद्धव गुट, क्या बोले संजय राउत

शरद पवार ने फैसले पर उठाया सवाल

maharashtra politics : नार्वेकर के फैसले को चुनौती देगा शिवसेना का उद्धव गुट, क्या बोले संजय राउत - Uddhav Thackeray to challenge Speakers decision in Supreme Court, labels verdict as murder of democracy
चव्हाण बोले- दल-बदल विरोधी कानून को बदलने की जरूरत
शिंदे के गुट के समर्थकों ने मनाया जश्न
चव्हाण बोले खुलेआम हो रहा है दल-बदल 
 
मुख्‍यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता द्वारा विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के फैसले को शिवसेना (यूबीटी) सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। नार्वेकर ने शिंदे गुट को असली शिवसेना करार देते हुए उद्धव ठाकरे गुट को तगड़ा झटका दिया है। जैसे ही फैसले का आशय स्पष्ट हुआ, मुख्यमंत्री शिंदे के गुट के समर्थकों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया।
 
शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि पार्टी राहुल नार्वेकर के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती देगी। इस बीच, एनसीपी नेता शरद पवार ने भी विधानसभा अध्यक्ष के फैसले की आलोचना की। उन्होंने नार्वेकर के फैसले पर पर सवाल उठाया। 
 
दलबदल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने बुधवार को दल-बदल विरोधी कानून में व्यापक बदलाव की जरूरत पर जोर देते हुए दावा किया कि निर्वाचित सदस्य ‘बेशर्मी से’ दल-बदल कर रहे हैं। 
दल-बदल विरोधी कानून (10वीं अनुसूची) किसी राजनीतिक दल के सदस्यों, निर्दलीय सदस्यों और नामांकित सदस्यों द्वारा संसद या राज्य विधानसभाओं में दल-बदल की स्थितियों से निपटता है और सदस्य की अयोग्यता का आधार बनाता है।
 
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने बुधवार को कहा कि 21 जून, 2022 को जब प्रतिद्वंद्वी समूहों का उदय हुआ तो शिवसेना का एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला धड़ा ही ‘असली राजनीतिक दल’ (असली शिवसेना) था।
 
चव्हाण ने संवाददाताओं से कहा कि शिवसेना के 16 विधायकों (एकनाथ शिंदे खेमे से जुड़े) की अयोग्यता पर महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष का फैसला महाराष्ट्र की राजनीति में महत्वपूर्ण होगा। यह सभी दलों के लिए महत्वपूर्ण होगा।’’
 
चव्हाण ने कहा कि जब अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में थी तब दल-बदल विरोधी कानून में संशोधन किया गया था, लेकिन इसका उद्देश्य सफल होता नहीं दिख रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण ने कहा कि निर्वाचित सदस्यों द्वारा दल-बदल खुलेआम हो रहा है। मेरा मानना है कि इस कानून को पूरी तरह से बदला जाना चाहिए।’’
 
नार्वेकर द्वारा अयोग्यता याचिकाओं पर आदेश सुनाने में 18 महीने की देरी का जिक्र करते हुए चव्हाण ने कहा कि यह व्यवस्था की विफलता है जो दल-बदल विरोधी कानून को बदलने के उनके तर्क को मजबूत करती है।
 
नार्वेकर द्वारा फैसले सुनाए जाने से पहले, चव्हाण ने कहा कि अगर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कोई अलग निर्णय दिया जाता है, तो उच्चतम न्यायालय का रुख करने की जरूरत है।
Rahul Narvekar
क्या कहा विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने : नार्वेकर ने बुधवार को कहा कि 21 जून, 2022 को जब प्रतिद्वंद्वी समूहों का उदय हुआ तो शिवसेना का एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला धड़ा ही ‘असली राजनीतिक दल’ (असली शिवसेना) था।
 
शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी धड़ों द्वारा एक-दूसरे के विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर अपना फैसला पढ़ते हुए नार्वेकर ने यह भी कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के सुनील प्रभु 21 जून, 2022 से सचेतक नहीं रहे। उन्होंने कहा कि शिंदे गुट के भरत गोगावाले अधिकृत सचेतक बन गए थे।
sanjay raut
विधानसभाध्यक्ष ने यह भी कहा कि शिवसेना प्रमुख के पास किसी भी नेता को पार्टी से निकालने की शक्ति नहीं है। उन्होंने इस तर्क को भी स्वीकार नहीं किया कि पार्टी प्रमुख की इच्छा और पार्टी की इच्छा पर्यायवाची हैं।
 
उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग को सौंपा गया 1999 का पार्टी संविधान मुद्दों पर निर्णय लेने के लिए वैध संविधान था और ठाकरे समूह का यह तर्क कि 2018 के संशोधित संविधान पर भरोसा किया जाना चाहिए, स्वीकार्य नहीं था। उन्होंने कहा कि 1999 के संविधान ने ‘राष्ट्रीय कार्यकारिणी’ को सर्वोच्च निकाय बनाया था। एजेंसियां
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