गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. uddhav thackeray on supreme court verdict
Written By
Last Modified: गुरुवार, 11 मई 2023 (15:00 IST)

उद्धव ठाकरे ने की नैतिकता की बात, कहा-गद्दारों के साथ सरकार कैसे चलाता

उद्धव ठाकरे ने की नैतिकता की बात, कहा-गद्दारों के साथ सरकार कैसे चलाता - uddhav thackeray on supreme court verdict
Uddhav Thackeray : सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया था। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे और फडणवीस में नैतिकता है तो वह भी मेरी तरह इस्तीफा दें। 
 
फैसले से उत्साहित उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्होंने कहा कि शिंदे गुट ने मेरी पार्टी और मेरे पिता की विरासत को धोखा दिया। सीएम के रूप में मेरा इस्तीफा तब कानूनी रूप से गलत हो सकता था, लेकिन मैंने इसे नैतिक आधार पर दिया। गद्दार लोगों के साथ सरकार कैसे चलाता? उन्होंने कहा कि तत्कालीन राज्यपाल कोश्यारी को सत्र बुलाने का अधिकार नहीं था। असली शिवसेना आज भी मेरे पास है।
 
उन्होंने कहा कि मैं देश और राज्य के लिए लड़ रहा हूं, हम संविधान बचाने के लिए लड़ रहे हैं। ऐसे लोगों को हम घर भेजेंगे।
 
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि अगर शीर्ष अदालत ने पाया है कि शिवसेना के उद्धव ठाकरे नीत खेमे के सुनील प्रभु आधिकारिक सचेतक थे तो इस टिप्पणी के हिसाब से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत 16 बागी विधायक अयोग्य साबित होते हैं। उन्होंने कहा कि जब सरकार बनाने की प्रक्रिया ही अवैध थी तो शिंदे सरकार अवैध हुई।
 
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पिछले साल 30 जून को महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बुलाना सही नहीं था। हालांकि न्यायालय ने पूर्व की स्थिति बहाल करने से इनकार करते हुए कहा कि ठाकरे ने शक्ति परीक्षण से पहले ही इस्तीफा दे दिया था।
 
महाराष्ट्र में पिछले साल शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिरने और फिर उत्पन्न राजनीतिक संकट से जुड़ी अनेक याचिकाओं पर सर्वसम्मति से दिए गए अपने फैसले में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि शिंदे गुट के भरत गोगावाले को शिवसेना का सचेतक नियुक्त करने का विधानसभा अध्यक्ष का फैसला ‘अवैध’ था।
 
पीठ ने कहा कि पूर्व स्थिति बहाल नहीं की जा सकती क्योंकि ठाकरे ने विश्वास मत का सामना नहीं किया और इस्तीफा दे दिया था। इसलिए राज्यपाल का सदन में सबसे बड़े दल भाजपा के कहने पर सरकार बनाने के लिए शिंदे को आमंत्रित करने का फैसला सही था।
 
Edited by : Nrapendra Gupta 
ये भी पढ़ें
राउत बोले, सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी अनुसार शिंदे समेत 16 बागी विधायक अयोग्य