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Last Modified: रविवार, 10 फ़रवरी 2019 (11:03 IST)

Twitter के सीईओ ने संसदीय समिति के सामने पेश होने से किया इंकार, हो सकती है कार्रवाई, जानिए क्या है पूरा मामला...

Twitter के सीईओ ने संसदीय समिति के सामने पेश होने से किया इंकार, हो सकती है कार्रवाई, जानिए क्या है पूरा मामला... - Twitter Parliamentary Committee Social Media
नई दिल्ली। संसद की एक समिति ने शनिवार को कहा कि समिति के समक्ष पेश नहीं होने की स्थिति में सोशल मीडिया की दिग्गज अमेरिकी कंपनी Twitter और उसके शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्रवाई की जा सकती है। सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी स्थायी संसदीय समिति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के मुद्दे पर पूछताछ के लिए कंपनी के सीईओ जैक डोर्सी और शीर्ष अधिकारियों को तलब किया था।
 
अकाउंट ब्लॉक करने में पक्षपात का आरोप : भारत में ट्‍विटर के करीब साढ़े तीन करोड़ यूजर्स हैं। ट्‍विटर पर ये आरोप लगे थे कि अकाउंट ब्लॉक करने में वे दक्षिणपंथी विचारधारा वालों के साथ पक्षपात कर रहा है। इसी विवाद के बीच 1 फरवरी को संसदीय समिति ने ट्‍विटर को समन भेजा था। सोमवार की बैठक में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारी भी बुलाए गए हैं।
 
सूचना एवं प्रौद्योगिकी की संसदीय समिति ने सोशल मीडिया पर नागरिक अधिकारों की सुरक्षा के उपाय के मुद्दे पर ट्विटर के प्रतिनिधियों को सोमवार 11 फरवरी को पेश होने को कहा है। इस समिति के अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद अनुराग ठाकुर हैं और पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी इसके सदस्यों में शामिल हैं।
 
इस बीच ट्विटर इंडिया के अधिकारियों ने संसदीय समिति के समक्ष पेश होने से इंकार किया है और कहा कि उन्हें बहुत कम समय का नोटिस दिया गया है और भारत में कंपनी के कोई सक्षम अधिकारी नहीं है। ट्विटर इंडिया के अधिकारियों को 1 फरवरी को नोटिस जारी किए गए थे।

ट्विटर को संसदीय समिति ने 7 फरवरी को पेश होने को कहा था, लेकिन बाद में यह तिथि 11 फरवरी कर दी गई थी। नोटिस में कहा गया है कि कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को समिति के समक्ष पेश होना होगा। वे अपने साथ सहयोगियों को भी ला सकते हैं।
 
ट्विटर के वैश्विक विधि, नीति एवं संरक्षा प्रमुख विजया गडडे ने 7 फरवरी को संसदीय समिति को भेजे एक पत्र में कहा है कि भारत में कंपनी के पास कोई अधिकारी नहीं है, जो विषय-वस्तु संबंधी प्रावधानों को लागू कर सके और भारत में नियुक्त अधिकारी इस संबंध में नीतिगत निर्णय लेने में सक्षम नहीं है। नागरिक अधिकारों की सुरक्षा के मुद्दे पर ट्विटर को इससे पहले अमेरिका, सिंगापुर और यूरोपीय संघ में तलब किया जा चुका है।
 
संसदीय समिति के समक्ष पेश होने से ट्विटर के इंकार करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ठाकुर ने कहा कि ट्विटर के जवाब को समिति गंभीरता से लिया है। समिति की बैठक में इस संबंध में विचार किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इस संबंध में राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष निर्णय लेंगे। सरकार इस मामले में फैसला नहीं कर सकती। राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि संसदीय समिति के समक्ष पेश होने से इंकार करना गंभीर मामला है।
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