ट्विटर CEO के संसदीय समिति के सामने पेश होने से इंकार करने पर भाजपा ने दी चेतावनी
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय समिति के समक्ष ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और शीर्ष अधिकारियों के पेश होने से इंकार करने पर शनिवार को इस सोशल नेटवर्क कंपनी को नतीजे की चेतावनी दी और कहा कि किसी भी एजेंसी को देश की संस्थाओं का निरादर करने का हक नहीं है।
संसदीय समिति ने सोशल मीडिया मंचों पर नागरिकों के अधिकारों को सुरक्षा प्रदान करने के मुद्दे पर ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अन्य अधिकारियों को बुलाया था। भाजपा प्रवक्ता एवं नई दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि किसी भी देश में, किसी भी एजेंसी को उस देश की संस्थाओं का निरादर करने का हक नहीं है। ऐसे में यदि ट्विटर स्थापित संस्था संसद का निरादार कर रहा है तो उसके नतीजे होंगे।
उन्होंने कहा कि नतीजे होंगे, क्योंकि किसी भी लोकतांत्रिक देश की संस्थाओं का वैश्विक शक्तियों द्वारा सम्मान करने की जरुरत है। यदि किसी प्रकार का उल्लंघन होता है तो उन उल्लंघनों के नतीजे होते हैं... संस्थाओं का सम्मान करने की जरूरत है। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की अगुवाई वाली इस संसदीय समिति ने एक फरवरी को एक आधिकारिक पत्र के माध्यम से ट्विटर को सम्मन जारी किया था।
समिति के सूत्रों ने बताया कि समिति की बैठक 7 फरवरी को होनी थी, लेकिन ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को पेशी के लिए और वक्त उपलब्ध कराने के लिए उसे 11 फरवरी के लिए स्थगित कर दिया गया। सूत्रों ने कहा कि ट्विटर ने सुनवाई के लिए कम समय का नोटिस दिए जाने को कारण बताया जबकि उसे यात्रा के लिए 10 दिनों का वक्त दिया गया था। (भाषा)