टाइम कैप्सूल जमीन में दफन, 100 साल बाद खुलेगा आज का राज
जालंधर। गुरुवार से शुरू हुए 106वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस के दूसरे दिन यहां लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में 10 फुट की गहराई में एक टाइम कैप्सूल को गाड़ा गया है, जिसे 100 साल बाद निकाला जाएगा और 22वीं सदी के लोग देख सकेंगे कि आज के जमाने में किस तरह के सामान, गैजेट और उपकरण इस्तेमाल किए जाते थे।
दो नोबेल पुरस्कार विजेताओं डंकेन आल्देन (भौतिकी) और एवराम हर्शको (रसायन विज्ञान) ने बटन दबाकर इस कैप्सूल को जमीन के अंदर दफन किया। वहां लगी शिला पट्टिका पर लिखा गया है कि इसे 03 जनवरी 2119 को निकाला जाएगा।
इस कैप्सूल में 100 सामान रखे गए हैं। इनमें लैपटॉप, स्मार्टफोन, ड्रोन, वर्चुअल रियलिटी वाले चश्मे, अमेजन एलेक्सा, एयर फिल्टर, इंडक्शन कुक टॉप, एयर फ्रायर, सीएफएल, टेप रिकॉर्डर, ट्रांजिस्टर, सोलर पैनल, हार्ड डिस्क आदि हैं। सौ साल बाद इस कैप्सूल को खोलकर उस सयम लोगों को यह अंदाजा लगेगा कि 20वीं सदी के अंत में और 21वीं सदी के आरंभ में लोग किस प्रकार के सामान इस्तेमाल करते थे।
कैप्सूल को कंक्रीट के एक खाने में रखा गया है। इसे ऊपर से पूरी तरह बंद करने के बाद कीड़े-मकोड़ों और नमी आदि से बचाने के लिए ट्रीटमेंट किया जाएगा। (वार्ता)