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Last Updated : गुरुवार, 12 जनवरी 2023 (23:00 IST)

Joshimath Sinking : जोशीमठ में एक होटल को गिराने का काम हुआ शुरू, प्रशासन को लगेगा एक सप्ताह

Joshimath Sinking : जोशीमठ में एक होटल को गिराने का काम हुआ शुरू, प्रशासन को लगेगा एक सप्ताह - The work of demolishing a hotel in Joshimath has started, the administration will take a week
जोशीमठ। जोशीमठ भू-धंसाव को देखते हुए सीबीआरआई टीम के सर्वे के बाद गुरुवार को होटल माउंट व्यू और मलारी इन को ढहाने की सहमति बन गई है। प्रशासन ने एक होटल को गिराने का काम शुरू भी कर दिया है।चरणबद्ध तरीके से तकनीकी विशेषज्ञों की देखरेख में ये होटल तोड़े जाने शुरू हुए हैं। इस दौरान मौसम में खराबी के चलते प्रशासनिक अमले को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

बता दें कि जोशीमठ में असुरक्षित भवनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और आगे भी भवनों का सर्वे किया जा रहा है। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने जोशीमठ आपदा अधिनियम 2005 की धारा 34टी के तहत होटल मलारी इन व माउंट व्यू को आम जनमानस की सुरक्षा की दृष्टि से तत्काल ध्वस्त किए जाने के आदेश जारी किए थे।

बताया जा रहा है कि होटल को डिस्मेंटल करने के लिए एक हफ्ता लगेगा, इसके लिए दिन-रात काम किया जाएगा। खुराना ने बताया कि दोनों होटलों को डिस्मेंटल करने में एक सप्ताह का समय लगेगा, मेन पावर से ही होटलों को तोड़ा जाएगा, खिड़की-दरवाजे निकालने के बाद दीवारों को ड्रिल कर तोड़ा जाएगा।

जोशीमठ में बीते मंगलवार को ही होटल माउंट व्यू और मलारी इन को ध्वस्त किया जाना था, लेकिन होटल स्वामियों ने कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया। उनका कहना था कि आर्थिक मूल्यांकन नहीं किया गया, साथ ही नोटिस तक नहीं दिए गए।

जोशीमठ के 9 वार्डों में 760 प्रभावित भवनों को किया दरार ग्रस्त चिन्हित : जोशीमठ नगर क्षेत्र के 9 वार्डों में 760 प्रभावित भवनों को अभी तक दरार ग्रस्त चिन्हित किया गया है।शहर में भू-धंसाव के दृष्टिगत जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चमोली द्वारा जारी दैनिक रिपोर्ट के अनुसार जोशीमठ नगर, जिसमें से 128 भवनों को असुरक्षित जोन के अंतर्गत रखा गया है। सुरक्षा की दृष्टि से जिला प्रशासन द्वारा अब तक 169 परिवारों के 589 व्यक्तियों को विभिन्न ठिकानों पर अस्थाई रूप से विस्थापित किया गया है।

जिला प्रशासन द्वारा जोशीमठ नगर क्षेत्र के अंतर्गत निवास करने योग्य अस्थाई राहत शिविरों के रूप में 51 भवनों के 344 कक्षो का चिह्नीकरण कर लिया गया है, जिसमें 1425 व्यक्तियों को ठहराया जा सकता है। वहीं नगर पालिका क्षेत्र जोशीमठ के बाहर पीपलकोटी में अस्थाई राहत शिविरों के रूप में 20 भवनों के 491 कमरों को चयनित किया गया है, जिसमें कुल 2205 लोगों को ठहराया जा सकेगा।

राहत कार्यों के तहत जिला प्रशासन द्वारा अब तक 73 परिवारों को 5 हजार रुपए की दर से कुल 3 लाख 65 हजार रुपए की धनराशि आवश्यक दैनिक घरेलू सामग्री क्रय करने हेतु वितरित की जा चुकी है, जबकि तीक्ष्ण/पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त 10 भवन स्वामियों को 1 लाख 30 हजार रुपए की दर से कुल 13 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है।

इसके अलावा मकान किराया, विशेष पुनर्वास पैकेज व समान ढुलाई हेतु कुल 87 व्यक्तियों को विभिन्न रूप से आर्थिक सहायता दी गई है।प्रभावितों को अब तक 101 खाद्यान्न किट, 212 कंबल व 650 लीटर दूध का वितरण राहत सामग्री के रूप में किया जा चुका है।

इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर प्रभावितों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है, जिसके राहत शिविरों में रह रहे 183 से अधिक लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है। जिला मजिस्ट्रेट हिमांशु खुराना द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 33 व 34 का प्रयोग करते हुए नगर क्षेत्र अंतर्गत वार्ड संख्या 1, 4, 5 व 7 के अंतर्गत आने वाले अधिकांश क्षेत्रों को असुरक्षित घोषित करते हुए इन वार्डों को खाली करवाया जा रहा है।
Edited By : Chetan Gour
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