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Last Modified: गुरुवार, 12 जनवरी 2023 (13:00 IST)

जोशीमठ में आसमान से बरसी आफत, बारिश और बर्फबारी ने बढ़ाई चिंता

जोशीमठ में आसमान से बरसी आफत, बारिश और बर्फबारी ने बढ़ाई चिंता - snowfall in joshimath
जोशीमठ। उत्तराखंड में मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है। केदारनाथ, औली से लेकर जोशीमठ तक बारिश के साथ ही बर्फबारी हो रही है। दरारों की वजह से आपदाग्रस्त जोशीमठ के लोग बारिश और बर्फबारी की वजह से चिंतित नजर आ रहे हैं। मौसम विभाग ने 12 और 13 जनवरी को जोशीमठ में बारिश होने की आशंका जताई है।
 
जोशीमठ में हुई बर्फबारी की वजह से चारों ओर बर्फ की चादर बिछ गई है। बर्फबारी ने दरारों से परेशान लोगों की चिंता को और बढ़ा दिया है। इस वजह से लोगों को अपने घरों के ध्वस्त होने की चिंता सता रही है। शहर में 670 से ज्यादा घरों में दरारे नजर आ रही है। कई जगह जमीन भी गहरी दरारों की वजह से फट गई है। बर्फबारी की वजह से इन दरारों के और गहरा होने की आशंका है।
 
इस बीच उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी ने जोशमठ की स्थितियों का जायजा लेने के बाद स्थिति को बढ़ा चढ़ाकर नहीं पेश करने का अनुरोध किया।
 
2 होटलों का ध्वस्तीकरण जरूरी : लोगों के विरोध के चलते होटल मलारी इन और माउंट व्यू के डिमोलेशन का काम तीसरे दिन भी शुरू नहीं हो सका। अधिकारियों के मुताबिक, दोनों होटल असुरक्षित भवनों के श्रेणी में पहले नंबर पर हैं। अगर ये अपनेआप गिरते हैं तो इसका असर आसपास बने अन्य भवनों पर भी पड़ेगा।
 
जोशीमठ पहुंचे हैदराबाद के वैज्ञानिक : उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने के घटनाक्रम के बीच सीएसआईआर-राष्ट्रीय भूभौतिक अनुसंधान संस्थान (NGRI) के विशेषज्ञों की एक टीम सबसर्फेस फ़िजिकल मैपिंग के लिए प्रभावित शहर का दौरा करेगी। 
 
एनजीआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक आनंद के पांडेय की अध्यक्षता वाली 10 सदस्यीय टीम के 13 जनवरी को जोशीमठ पहुंचने और अगले दिन से अपना काम शुरू करने की संभावना है। पांडेय के मुताबिक, सर्वे कार्य में दो सप्ताह का समय लगने का अनुमान है, जिसके बाद टीम जमीन धंसने की वजहों का पता लगाने के लिए एकत्रित आंकड़ों का विश्लेषण करेगी।
 
बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों और अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग गंतव्य औली का प्रवेश द्वार कहलाने वाला जोशीमठ जमीन धंसने और इमारतों में दरार पड़ने के कारण बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है।
 
पांडेय ने कहा कि हमारे उपकरण जोशीमठ के रास्ते में हैं। 13 जनवरी को पूरी टीम वहां पहुंच जाएगी। 14 जनवरी से हम पूरे इलाके का सर्वे करने के लिए कम से कम दो हफ्ते तक वहां होंगे। पानी के जमाव और मिट्टी की संरचना को समझने के लिए हम गहन अधस्तल मानचित्रण की योजना बना रहे हैं।
 
उल्लेखनीय है कि चमोली में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से 9 जनवरी को जारी एक बुलेटिन में कहा गया था कि जोशीमठ में जमीन धंसने से प्रभावित घरों की संख्या बढ़कर 678 हो गई है, जबकि कुल 82 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा चुका है।
Edited by : Nrapendra Gupta 
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