बुधवार, 18 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. joshimath sinking news live updates uttarakhand
Written By हिमा अग्रवाल
Last Updated : मंगलवार, 10 जनवरी 2023 (20:24 IST)

जोशीमठ : विरोध के कारण ध्वस्त नहीं हो सकते होटल मलारी और माउंट व्यू, 4000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया

जोशीमठ : विरोध के कारण ध्वस्त नहीं हो सकते होटल मलारी और माउंट व्यू, 4000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया - joshimath sinking news live updates uttarakhand
उत्तराखंड। जोशीमठ में भूस्खलन के मलबे से बनी जमीन पर बसा शहर बोझ को सह नहीं पा रहा है। इसके चलते कमजोर जमीन पर बनी प्रमुख इमारतों, होटलों और घरों में मोटी-मोटी दरारें दिखाई देने लगी हैं। जोशीमठ के लोगों की जान-माल की सुरक्षा के लिए सरकार ने इन्हें तोड़ने का निर्णय लिया है। पहले चरण में 2  होटल गिराए जा रहे हैं। इसमें होटल मलारी और होटल माउंट व्यू है। आज इन होटलों का ध्वस्तीकरण प्रस्तावित था, लेकिन विरोध के चलते कार्य रोक दिया गया है।
 
जोशीमठ कस्बे को प्रशासन की तरफ से तीन जोन में बांटा गया है। जिनमे ‘डेंजर’, ‘बफर’ और ‘कंप्लीटली सेफ’ है। स्थानीय प्रशासन ने 678 घरों और इमारतों को दरारों के चलते चिन्हित किया है। इनमें से जो इमारतें ज्यादा क्षतिग्रस्त है उन्हें पहले ध्वस्त किया जायेगा। फिलहाल जोशीमठ के आसपास के सभी क्षेत्रों मे निर्माण कार्य पूर्णता बंद कर दिया गया है, वही 4000 के आसपास लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। 
 
जोशीमठ का होटल मलारी और माउंट व्यू दरारों के चलते पीछे की तरफ झुक गए हैं। कभी भी जान-माल की हानि हो सकती है। तकनीकी समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंपते हुए कहा है कि ऐसी इमारतों को तत्काल प्रभाव से ध्वस्त कर देना चाहिए। मंगलवार की सुबह होते ही राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के अधिकारी जेसीबी मशीन लेकर होटल ढहाने की प्रक्रिया मे जुट गए है। 
 
होटल मलारी के स्वामी ठाकुर सिंह राणा के मुताबिक वर्ष 2011 में नगर पालिका की इजाजत से होटल निर्माण हुआ था, अनुमति देते समय किसी ने भी यह नहीं बताया था कि आपदा क्षेत्र में होटल बनाया जा रहा है, लेकिन अब कहा जा रहा है कि यह भूमि आपदाग्रस्त क्षेत्र में आती है और इसे ढहाया जायेगा। 
जेसीबी और अधिकारी अचानक से होटल गिराने आ गए हैं। उन्हें पहले कोई नोटिस नहीं दिया गया है। हालांकि होटल मालिक का कहना है कि वह जनहित में प्रशासन के साथ है, लेकिन होटल ढहाने से पहले उसका आर्थिक मूल्यांकन होना चाहिए।
 
 
मंगलवार को प्रशासन ने एनाउंसमेंट करते हुए होटल को खाली करवा दिया है और लोगों से अपील की है वह होटल से दूर रहें। होटल के आसपास की रोड बंद कर दी गई है, ताकि ध्वस्तीकरण के दौरान कोई हादसा न हो जायें। 
 
पुलिस और एसडीआरएफ की टीम तैनात कर दी गई है। होटल गिराने के लिए रूड़की से एक्सपर्ट टीम बुलाई गई है, ताकि आसपास के क्षेत्र को ज्यादा नुकसान न हो। ध्वस्तीकरण टीम आज सबसे होटल मलारी इन और माउंट व्यू को गिराने पहुंच गई थी, स्थानीय लोगों के विरोध के चलते फिलहाल काम को रोक दिया गया है। प्रशासन ने मलारी और माउंट व्यू को असुरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया है। होटल मालिक से प्रशासन बातचीत कर रहा है, ताकि जल्दी से जल्दी होटल को गिराया जा सके।
 
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी विभागों से कहा है कि सभी टीम वर्क करते हुए शहर को बचाने में सहयोग करें। जोशीमठ की इस आपदा की घड़ी मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राज्य सरकार को पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है।

स्वामी रामदेव ने भेजी राहत सामग्री : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के निर्देश पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। ऐसे में हरिद्वार के कनखल से बाबा रामदेव ने आपदा प्रभावित लोगों की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है। स्वामी रामदेव ने जोशीमठ कस्बे के लिए दो ट्रकों में दो हजार कंबल और राशन सामग्री भेजी है।
 
जोशीमठ कस्बा लगातार धंसता जा रहा है। प्रशासन ने.लोगों की जान बचाने के लिए उन्हें राहत शिविरों में रखा है। कड़कड़ाती ठंड के बीच राहत कैंप में रह रहे लोगों के लिए बाबा रामदेव आगे आएहैं। उन्होंने पतंजलि योगपीठ की तरफ से राहत सामग्री भरे दो ट्रकों को हरी झंडी दिखाकर जोशीमठ रवाना किया है। 
 
स्वामी रामदेव ने कहा है कि उत्तराखंड शंकराचार्यों की भूमि है। यहां आई प्राकृतिक आपदा के चलते सभी लोगों को मदद के आगे आना चाहिए। विशेष तौर पर सामाजिक संगठन और बड़ी कंपनियों को राहत के लिए आगे आना चाहिए। मंगलवार को यह पतंजलि द्वारा राहत सामग्री जोशीमठ पहुंच गई है। इस सामग्री को बुधवार को आचार्य बालकृष्ण जोशीमठ जाकर वितरित करेंगे।