बीरा 21 की बर्बादी की कहानी, कैसे गायब हो गई भारत की सबसे कूल बीयर?
बीयर जो पार्टी की जान थी, अब ठेकों से ग़ायब है। दिल्ली से बैंगलोर और गोवा से पुणे तक– अगर आपने हाल में किसी ठेके पर बीरा मांगी है, तो जवाब मिला होगा "भैया, बीरा तो महीनों से नहीं आ रही!" जिस बीयर ने भारत में "क्राफ्ट बीयर कल्चर" की लहर शुरू की थी, वही ब्रांड बीरा 91, अब बीरा 21 बनकर... बाज़ार से लगभग लापता हो गया। लेकिन ऐसा क्या हुआ जो इस ब्रांड की बोतलें शेल्फ से गायब, और बाल्टियों में धूल खा रही हैं?
बीयर की बर्बादी की शुरुआत: एक 'छोटा सा' नाम परिवर्तन। बीरा की मूल कंपनी B9 Beverages ने जब IPO लाने की तैयारी की, तो उसे अपने कंपनी नाम में से Private Limited हटाना पड़ा। और इसी के साथ, उसके ट्रेडमार्क और ब्रांडिंग को नए सिरे से रजिस्टर करना पड़ा। Bira 91 का नाम Bira 21 कर दिया गया। नई ब्रांडिंग, नए लेबल्स, और हर राज्य में फिर से रजिस्ट्रेशन।
नतीजा? महीनों तक लाइसेंस अटके, स्टॉक फंसा और बिक्री बंद। बीरा की FY24 रिपोर्ट के मुताबिक करीब 80 करोड़ की इन्वेंट्री एक्सपायरी के कारण नष्ट करनी पड़ी। ब्रांड की बिक्री में 22% की गिरावट आई। 748 करोड़ का घाटा, जबकि पिछले साल ये 444 करोड़ था। कुल मिलाकर कहें तो बीयर तो ठंडी होती है, लेकिन Bira के लिए ये झटका बेहद गर्म था।
बाजार की तस्वीर: खाली रैक से भरे सवाल: दिल्ली में भारतीय ब्रांड्स का मार्केट शेयर गिरकर 36% रह गया। नेपाली और भूटानी ब्रांड्स जैसे Golden Oak, Dzonka ने तेजी से जगह बना ली। बीरा की गैरमौजूदगी में Tuborg, Simba, और Heineken ने कसकर पकड़ बनाई।
अब आगे क्या? बीरा की वापसी की तैयारी: हालात से सबक लेते हुए, बीरा ने अब:Tier-2 और Tier-3 शहरों में आक्रामक विस्तार शुरू किया। ऑपरेशन्स को lean किया, लॉजिस्टिक्स को स्मार्ट बनाया। मार्जिन 66% तक बढ़ाया और नई ब्रांडिंग 'Bira 21' को धीरे-धीरे रोलआउट कर रही है।
कंपनी ने एक नई टैगलाइन भी चुनी है: "Same Monkey. New Age."
इस कहानी क्या सीख क्या मिली? एक नाम बदलने से पूरा बिज़नेस ढह सकता है। अगर आपने नियमों की गंभीरता नहीं समझी।
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Regulatory compliance को हल्के में लेना
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Branding और distribution sync न करना
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और सबसे बड़ी भूल – ग्राहकों को समय पर अपडेट न देना
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Bira ने वो सब किया, और उसका खामियाज़ा करोड़ों में भुगता।
बीयर तो लौटेगी, पर भरोसे में वक्त लगेगा। Bira अब भी ज़िंदा है और शायद जल्द ही दोबारा छाएगी। लेकिन इस कहानी ने भारतीय स्टार्टअप्स और ब्रांड्स को एक ठंडी बीयर की तरह कड़वी सीख दे दी है कि आइडिया और स्टाइल से ब्रांड बनता है लेकिन सिस्टम और प्रोसेस से वो टिकता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है। इसका उद्देश्य किसी भी प्रकार से शराब या बीयर का प्रचार नहीं है। अल्कोहल का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। कृपया जिम्मेदारी से व्यवहार करें।