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Last Updated :नई दिल्ली , सोमवार, 4 दिसंबर 2023 (18:57 IST)

4 राज्यों में नवनिर्वाचित महिला विधायकों की संख्या एक तिहाई से कम

4 राज्यों में नवनिर्वाचित महिला विधायकों की संख्या एक तिहाई से कम - The number of women MLAs in the newly elected assemblies in four states is less than one third
Number of newly elected women MLAs in 4 states is less than one third : छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मध्य प्रदेश विधानसभाओं में नवनिर्वाचित महिला विधायकों की संख्या एक तिहाई अंक से काफी नीचे बनी हुई है। यह स्थिति तब है जब संसद में महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी मिल चुकी है।
 
थिंक टैंक पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च द्वारा संकलित आंकड़ों में यह बात कही गई है आंकड़ों के अनुसार, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मध्य प्रदेश विधानसभाओं में महिलाओं की संख्या में मामूली वृद्धि हुई है, जबकि राजस्थान में यह कम हो गई है।
 
नवनिर्वाचित विधायकों में 21 प्रतिशत महिलाओं के साथ छत्तीसगढ़ सभी चार राज्यों में सर्वोच्च स्थान पर है। 2018 में, छत्तीसगढ़ में 13 महिला विधायक थीं। यह संख्या कुल विधायकों का मात्र 14 प्रतिशत थीं। इस बार महिला विधायकों की संख्या यहां अब 19 हो गई है।
 
तेलंगाना में महिला विधायकों की संख्या 10 यानी कुल विधायकों का आठ फीसदी हो गई है। 2018 में, राज्य ने छह महिलाओं को अपनी विधानसभा में भेजा था। राजस्थान में 2018 में महिला विधायकों की संख्या 24 थी, जो इस बार घटकर 20 रह गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि राजस्थान विधानसभा में उनकी संख्या कभी भी 15 प्रतिशत से अधिक नहीं रही।
 
मध्य प्रदेश में 2013 में 30 महिलाएं विधानसभा के लिए चुनी गईं, जबकि 2018 में केवल 21 महिलाएं ही सदन में जगह बना सकीं। इस बार राज्य से 27 महिलाएं निर्वाचित हुई हैं। सभी विधानसभाओं में उम्रदराज विधायकों की संख्या भी अधिक है। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना की विधानसभाओं में बड़ी संख्या में उम्रदराज विधायक हैं।
 
छत्तीसगढ़ की नई विधानसभा में 55 साल से अधिक उम्र के विधायकों की संख्या 41 फीसदी है। 2008 में राज्य में 55 साल से अधिक उम्र के 16 प्रतिशत विधायक थे, जिनकी संख्या 2013 में 29 प्रतिशत और 2018 में 40 प्रतिशत हो गई। मध्य प्रदेश में इस बार 50 फीसदी विधायक 55 साल से ज्यादा उम्र के हैं। 2018 में यह आंकड़ा 38 फीसदी, 2013 में 30 फीसदी और 2008 में 21 फीसदी था।
 
राजस्थान में, 2018 में, निर्वाचित सदस्यों में से 48 प्रतिशत (200 में से 95), 55 साल से अधिक उम्र के थे। नई विधानसभा में यह संख्या 46 प्रतिशत है। तेलंगाना में नवनिर्वाचित विधायकों की औसत आयु 56 वर्ष है। वहां 55 वर्ष से अधिक उम्र के विधायकों का प्रतिशत 2018 में 39 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 60 प्रतिशत हो गया है।
 
जब शिक्षा की बात आती है, तो छत्तीसगढ़ में स्नातक डिग्री वाले विधायकों का प्रतिशत 2018 में 69 प्रतिशत था जो 2023 में 59 प्रतिशत हो गया है। मध्य प्रदेश में स्नातक डिग्री वाले विधायक 2018 में 44 फीसदी थे। नवीनतम विधानसभा में यह आंकड़ा घटकर 36 प्रतिशत हो गया है, जबकि स्नातकोत्तर की संख्या 27 प्रतिशत से बढ़कर 35 प्रतिशत हो गई है।
 
राजस्थान में अधिकांश विधायकों के पास स्नातक की डिग्री है। 2018 में निर्वाचित महिलाओं में से आधे से अधिक और निर्वाचित पुरुषों में से लगभग एक चौथाई स्नातकोत्तर थे। 2023 में भी यह प्रतिशत समान ही है। तेलंगाना में 2023 में चुने गए 72 विधायकों के पास स्नातक की डिग्री है। यह 2018 की संख्या से 15 प्रतिशत कम है। तब यह 85 प्रतिशत थी। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour