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Last Modified: बुधवार, 24 फ़रवरी 2021 (21:19 IST)

देश में 7350 करोड़ रुपए की पीएलआई योजना को मिली मंजूरी

देश में 7350 करोड़ रुपए की पीएलआई योजना को मिली मंजूरी - The government has approved the 7350 crore PLI scheme in the country
नई दिल्ली। सरकार ने देश में लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पीसी तथा सर्वर के विनिर्माण को प्रोत्साहन के लिए 7,350 करोड़ रुपए की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे दी है। पीएलआई योजना के जरिए सरकार का इरादा घरेलू विनिर्माण क्षेत्र में वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करने का है।

इस नई योजना के तहत अगले चार साल में इन उत्पादों का विनिर्माण 3.26 लाख करोड़ रुपए और निर्यात 2.45 लाख करोड़ रुपए रहने और इससे 1.80 लाख रोजगार के अवसरों का सृजन होने का भी अनुमान है।

संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि मंत्रिमंडल ने आईटी हार्डवेयर के लिए 7,350 करोड़ रुपए की पीएलआई योजना को मंजूरी दी है। इसके तहत लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पीसी और सर्वर आएंगे।

इस 7,350 करोड़ रुपए की योजना का उद्देश्य भारत को हार्डवेयर विनिर्माण के वैश्विक केंद्र के रूप में पेश करना है।इन हाई-टेक आईटी हार्डवेयर गैजट्स के लिए पीएलआई योजना को हरी झंडी से पहले पिछले सप्ताह केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दूरसंचार उपकरण विनिर्माण के लिए 12,195 करोड़ रुपए की योजना को मंजूरी दी थी।

मोबाइल फोन विनिर्माण की प्रोत्साहन योजना को महामारी के चुनौतीपूर्ण समय के बावजूद जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। इस नई आईटी हार्डवेयर योजना के तहत (आधार वर्ष 2019-20 के ऊपर) भारत में विनिर्मित उत्पादों पर शुद्ध रूप से बढ़ी हुई बिक्री पर 4-1 प्रतिशत का प्रोत्साहन दिया जाएगा। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह प्रोत्साहन पात्र कंपनियों को चार साल की अवधि के लिए दिया जाएगा।

बयान में कहा गया है कि इस योजना का लाभ आईटी हार्डवेयर विनिर्माण क्षेत्र की पांच बड़ी वैश्विक कंपनियों तथा10 घरेलू ‘चैंपियन’ कंपनियों को दिया जाएगा। बयान में कहा गया है कि इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत अभी इन उत्पादों के आयात पर निर्भर है।

पीएलआई योजना से देश में इलेक्ट्रॉनिक्स पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में मदद मिलेगी। इस समय वैश्विक विनिर्माण क्षेत्र में बड़ा बदलाव आ रहा है और कंपनियां अपने विनिर्माण गतिविधियों का विविधीकरण कर रही हैं। इस योजना के तहत सरकार प्रोत्साहन का भुगतान निवेश पूरा होने, रोजगार सृजन, उत्पादन और बिक्री का लक्ष्य पूरा होने के बाद ही करेगी।

बयान में कहा गया है कि इस योजना से इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में 2,700 करोड़ रुपए का अतिरिक्त निवेश आएगा। बयान के अनुसार, योजना के तहत उत्पादन से अगले चार साल में 15,760 करोड़ रुपए के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष राजस्व का सृजन होगा। इससे आईटी हार्डवेयर में घरेलू मूल्यवर्धन 2025 तक बढ़कर 20 से 25 प्रतिशत हो जाएगा, जो अभी पांच से दस प्रतिशत है।

प्रसाद ने कहा कि यह योजना भारत को इन उत्पादों के बड़े विनिर्माण केंद्र के रूप में पेश करेगी। इससे निर्यात बढ़ेगा और रोजगार के नए अवसरों का सृजन होगा।(भाषा)
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