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Written By सुरेश एस डुग्गर
Last Modified: मंगलवार, 16 नवंबर 2021 (16:13 IST)

श्रीनगर में आतंकवादी चला रहे थे कॉल सेंटर, मुठभेड़ के बाद हुआ खुलासा

श्रीनगर में आतंकवादी चला रहे थे कॉल सेंटर, मुठभेड़ के बाद हुआ खुलासा - Terrorists call center in Srinagar
जम्मू। कश्मीर में पहली बार आतंकियों का कॉल सेंटर पकड़ा गया है। यह तभी संभव हो पाया है, जब कॉल सेंटर में छुपे आतंकियों के साथ मुठभेड़ हुई। इसे पाकिस्तानी और स्थानीय आतंकी मिलकर चलाते थे और उसे स्थानीय ओवरग्राउंड वर्करों का सहारा मिला हुआ था।
 
इस बात का खुलासा आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने किया। उन्होंने कहा कि श्रीनगर में मुठभेड़ के बाद मुदस्सर के कमरे में ली गई तलाशी में ऐसे कई सबूत मिले हैं, जिससे इस साजिश का पता चलता है। डीआईजी की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआइटी) हैदरपोरा स्थित इस हाई-टेक ठिकाने के तौर-तरीकों की जांच करेगा। यहां से बरामद हुए मोबाइल फोन और कंप्यूटर-लेपटाप को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है। अब एसआईटी इस बात की भी जानकारी जुटाएगी कि ये आतंकवादी किस-किस देश के संपर्क में थे।
 
पाकिस्तान का है हैदर : पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए आईजीपी विजय कुमार ने कहा कि मुठभेड़ में मारे गए दो आतंकवादियों में हैदर उर्फ बिलाल भाई निवासी पाकिस्तान जबकि दूसरा स्थानीय था जिसकी पहचान आमिर निवासी बनिहाल के तौर पर हुई। हैदर ने ही गत रविवार को श्रीनगर डाउन-टाउन इलाके में सुरक्षाबलों पर हमला किया था। इस गोलीबारी में एक जवान घायल हो गया था। हमले के बाद मुदस्सर गुल दोनों को अपनी गाड़ी में बैठाकर घटना स्थल से सुरक्षित निकाल अपने घर ले आया।
 
राष्ट्रीय राजमार्ग पर जिस जगह मुदस्सर गुल रहता था, वह श्रीनगर का पाश इलाका माना जाता है। यह भी पता चलता है कि मुदस्सर इससे पहले ही दक्षिण कश्मीर से आतंकवादियों को अपने साथ यहां लाता रहा है। यहां उसने तीन कमरे किराए पर ले रखे थे, जहां उसने काल सेंटर भी बना रखा था। यहां रहकर भी वे लगातार अपने आकाओं से जुड़े रहते थे। मुठभेड़ स्थल से आपत्तिजनक सामग्री, आवश्यक दवाएं सहित हथियार व गोला-बारूद भी बरामद हुआ है।
 
आईजीपी विजय कुमार ने कहा कि सूत्रों से हमें जानकारी मिली कि आतंकवादी हैदरपोरा में छिपे हुए हैं। सूचना के तुरंत बाद एसओजी, सेना व सीआरपीएफ का संयुक्त दल मौके पर पहुंच गए। मुठभेड़ से पहले हमने मकान मालिक अल्ताफ अहमद व किराएदार मुदस्सर गुल को बुलाया। उनसे पूछताछ की और उन्हें वह कमरा खुलवाने के लिए कहा जहां आतंकी छिपे हुए थे।
पहले तो आतंकवादियों ने कमरा नहीं खोला परंतु जब बार-बार खटखटाने के बाद आतंकियों ने दरवाजा खोला उसी के साथ उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी। सुरक्षाबलों के दल ने भी जवाबी फायरिंग की। इस बीच अल्ताफ व मुदस्सर को सुरक्षित निकालने का प्रयास किया गया परंतु वे क्रास फायरिंग की चपेट में आ गए। मकान मालिक अल्ताफ किसकी गोली से मरा है, इसकी पुष्टि जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही हो पाएगी।
 
दरअसल श्रीनगर मुठभेड़ में मारे गए मुदस्सर गुल ने आतंकवादियों के लिए हाई-टेक पनाहगाह बना रखी थी। पेशे से ठेकेदार व दिखावे के लिए कॉल सेंटर चलाने वाला आतंकवादियों का ओवरग्राउंड वर्कर मुदस्सर गुल जिस घर में रहता था, वहां उसने कॉल सेंटर खोल रखा था, जहां से वह लगातार देश-विदेश में बैठे आतंकी संगठनों के लगातार संपर्क में था।
 
गनीमत यह है कि सुरक्षाबलों को समय रहते इस ठिकाने के बारे में पता चल गया और नहीं तो ये आतंकवादी आने वाले दिनों में श्रीनगर में एक बहुत बड़े आत्मघाती हमले की फिराक में थे। मुठभेड़ में चार लोग मारे गए हैं जिनमें एक पाकिस्तानी समेत दो आतंकी, मकान मालिक अल्ताफ अहमद व किराएदार मुदस्सर अहमद शामिल हैं।