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Last Modified: सोमवार, 22 अक्टूबर 2018 (13:00 IST)

मुस्लिम दोस्त के घर खाया खाना तो आ गई शामत, गांववालों ने कराई आत्मा की शुद्धि...

मुस्लिम दोस्त के घर खाया खाना तो आ गई शामत, गांववालों ने कराई आत्मा की शुद्धि... - teenager was asked to pay a ransom and get his soul purified by the villagers for lunch with muslim friend family
आजादी के इतने वर्षों बाद भी देश के गांव अं‍धविश्वास और जात-पात और धर्म के भेदभाव से ऊपर नहीं उठे हैं। ऐसी एक घटना असम में सामने आई है। सोशल मीडिया से यह पोस्ट वायरल हो गई। इसे देखकर गांव के बुजुर्ग गुस्सा हो गए और किशोर को बैठक में बुलाया। बुर्जुगों ने किशोर की आत्मा की शुद्धि कराई और पूरे गांव को खाना खिलाने को कहा।
 
असम के दारंग जिले के दागियापरा गांव के जीवन कलीटा ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर मुसलमान परिवार के साथ किशोर के भोजन करने के बारे में लिखा। यह पोस्ट वायरल हो गई। इसके बाद दगियापारा के बुजुर्ग क्रोधित हो गए और लड़के को एक बैठक में बुलाया।
 
दरअसल सभी दोस्त अपने मुस्लिम क्लासमेट के घर गए थे। बच्चे ईद के बाद अपने दोस्त के घर गए थे। भोजन के समय मुस्लिम परिवार ने बच्चों को अपने साथ भोजन करने के लिए कहा। दूसरे बच्चों ने तो मना कर दिया, लेकिन एक बच्चा मुस्लिम परिवार के साथ भोजन करने लगा।
 
बैठक में ग्रामीणों ने कहा कि किशोर ने मुस्लिम परिवार के साथ भोजन करके अपने गांव की परंपरा तोड़ दी है। उसकी आत्मा को शुद्ध होने की जरूरत है। इसके बाद किशोर से पूरे गांव को भोज कराने की मांग की गई और कहा गया कि इसके बाद ही उसे माफ किया जाएगा।
 
ग्रामीणों ने किशोर को चेतावनी दी कि अगर भोज नहीं दिया गया तो उसके परिवार को गांव से बाहर कर दिया जाएगा। इस बात से लड़का घबरा गया, क्योंकि उसके माता-पिता पहले से बीमार हैं और दंड मिलने से उनकी परेशानियां बढ़ जाएंगी। उनकी इतने पैसे भी नहीं कि पूरे गांव को भोज दिया जा सके।
 
मीडिया पर यह खबर आने के बाद ग्रामीणों ने इस बात से इंकार कर दिया कि किशोर से किसी तरह का भोज देने के लिए कहा गया था। हालांकि उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि मुस्लिम परिवार में भोजन करने के कारण उसे आत्मा को शुद्ध करने के लिए कहा गया था।