तीन मूर्ति चौक का नाम बदलकर तीन मूर्ति हाइफा चौक
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके इसराइली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू ने तीन मूर्ति चौक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और इसका नाम बदलकर तीन मूर्ति हाइफा चौक कर दिया गया।
छह दिवसीय यात्रा पर भारत आए नेतन्याहू प्रधानमंत्री मोदी के साथ तीन मूर्ति चौक पहुंचे। इसके बाद दोनों नेताओं ने स्मारक पर पुष्पांजलि दी और आगंतुक पुस्तिका में दस्तखत भी किए।
आगंतुक पुस्तिका में मोदी ने लिखा कि वह भारतीय सैनिकों की निस्वार्थ बलिदान और तपस्या की महान भारतीय परंपरा को सलाम करते हैं, जिन्होंने प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान हैफा शहर की आजादी के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया।
मोदी ने पुस्तिका में लिखा, 'हैफा में भारतीय सैनिकों के बलिदान के लिए इन पन्नों में से एक को 100 साल पहले लिखा गया था। तीन मूर्ति में उनकी शताब्दी मनाने के साथ उनके बलिदान को याद किया गया। इस जगह का नाम तीन मूर्ति हैफा चौक किया जाना इस ऐतिहासिक मौके की यादगार है। इसराइल के प्रधानमंत्री की मौजूदगी में, हम बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
तीन मूर्ति पर कांस्य की तीन मूर्तियां हैदराबाद, जोधपुर और मैसूर लैंसर का प्रतिनिधित्व करती हैं जो 15 इंपीरियल सर्विस कैवलरी ब्रिगेड का हिस्सा थे। ब्रिगेड ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान 23 सितंबर 1918 में हाइफा शहर पर हमला किया था और उसे जीत लिया था।
प्रथम विश्व युद्ध में शहर की आजादी के लिए 44 भारतीय सैनिकों ने अपने प्राण का बलिदान दिया था। आज तक, 61वीं कैवलरी ब्रिगेड 23 सितंबर को स्थापना दिवस या ‘हाइफा दिवस’ मनाती है।