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Last Updated : रविवार, 15 अगस्त 2021 (17:40 IST)

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में भी घुसा तालिबान, बयान जारी कर कहा- सत्ता हस्तांतरण का इंतजार

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में भी घुसा तालिबान, बयान जारी कर कहा- सत्ता हस्तांतरण का इंतजार - Taliban Enter Afghan Capital Kabul: Report
काबुल। तालिबान ने राजधानी काबुल के बाहरी इलाकों में रविवार को प्रवेश कर लिया और कहा कि वे सत्ता के ‘शांतिपूर्ण हस्तांतरण’का इंतजार कर रहे हैं तथा उन्होंने ताकत के बल पर इसे नियंत्रण में नहीं लेने का वादा किया। हालांकि अनिश्चितता की स्थिति से घबराए निवासियों के साथ ही सरकारी कर्मचारी कार्यालयों से भागने लगे और अमेरिकी दूतावास पर हेलीकॉप्टर उतरने लगे। अफगानिस्तान के तीन अधिकारियों ने द एसोसिएटेड प्रेस (एपी) को बताया कि तालिबान राजधानी में कलाकन, काराबाग और पघमान जिलों में है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अफरफ गनी तालिबान को सत्ता सौंप सकते हैं। राष्ट्रपति ने सुरक्षाकर्मियों से अपील की है वे कानून-व्यवस्था बनाए रखें। 
 
तालिबान ने अपने आक्रमण को तेज करते हुए देश के बड़े हिस्से पर कब्जा जमा लिया और अफगान सुरक्षा बलों को अमेरिकी सेना के हवाई सहयोग के बावजूद खदेड़ दिया है। इसने कई लोगों को हैरत में डाल दिया है और उन्होंने सवाल उठाया कि अमेरिका के प्रशिक्षण और अरबों डॉलर खर्च करने के बावजूद सुरक्षाबलों की स्थिति खराब कैसे हो गई। कुछ दिनों पहले ही अमेरिकी सेना ने अनुमान जताया था कि एक महीने से कम समय में ही राजधानी पर तालिबान का कब्जा हो जाएगा।
 
तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कतर के अल-जजीरा अंग्रेजी उपग्रह समाचार चैनल को बताया कि चरमपंथी ‘काबुल शहर के शांतिपूर्ण हस्तांतरण का इंतजार कर रहे हैं।’उन्होंने अपने लड़ाकों और सरकार के बीच किसी भी संभावित बातचीत की जानकारी देने से मना कर दिया। हालांकि यह पूछने पर कि तालिबान किस तरह का समझौता चाहता है, इस पर शाहीन ने माना कि वे चाहते हैं कि केंद्र सरकार बिना किसी शर्त के आत्मसमर्पण कर दें।
 
अफगानिस्तान के एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि तालिबान के वार्ताकार सत्ता हस्तांतरण पर चर्चा करने के लिए रविवार को राष्ट्रपति आवास पहुंच रहे हैं। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सत्ता हस्तांतरण कब होगा।
 
कार्यवाहक रक्षा मंत्री बिस्मिल्ला खान ने एक वीडियो संदेश में कहा कि एक प्रतिनिधिमंडल को अधिकार दिया गया है जो अफगानिस्तान पर समझौता करने के लिए कल दोहा (कतर) जाएगा। मैं आपको काबुल की सुरक्षा का आश्वासन देता हूं।
इससे पहले, चरमपंथियों ने भी राजधानी के निवासियों को शांत करने की कोशिश की। चरमपंथियों ने एक बयान में कहा कि किसी के भी जीवन, संपत्ति और प्रतिष्ठा को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा अैर काबुल के नागरिकों की जान खतरे में नहीं डाल जाएगी।’’
 
इन आश्वासनों के बावजूद घबराए लोग काबुल हवाईअड्डे के जरिए देश छोड़ने की तैयारी में है। तालिबान के हर सीमा चौकी पर कब्जा जमाने के कारण देश से बाहर जाने का यही एक मार्ग बचा है। चरमपंथियों के जलालाबाद पर कब्जा जमाने के कुछ घंटों बाद बोइंग सीएच-47 चिनूक हेलीकॉप्टर दूतावास के समीप उतरने लगे।
 
अमेरिकी दूतावास के निकट राजनयिकों के बख्तरबंद एसयूवी वाहन निकलते दिखे और इनके साथ ही विमानों की लगातार आवाजाही भी देखी गई। हालांकि अमेरिका सरकार ने अभी इस बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं दी है। दूतावास की छत के निकट धुआं उठता देखा गया जिसकी वजह अमेरिका के दो सैन्य अधिकारियों के मुताबिक राजनयिकों द्वारा संवेदनशील दस्तावेजों को जलाना है। अमेरिका ने कुछ दिनों पहले अपने दूतावास से कर्मचारियों को निकालने में मदद के लिए हजारों सैनिकों को भेजने का फैसला किया था।
 
एक पायलट ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर अफगान बलों ने पश्चिमी सेनाओं को छोड़ दिया है। इससे पहले एक अफगान विमान सैनिकों को लेकर कंधार से हवाईअड्डे पहुंचा जिन्होंने तालिबान के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
 
राष्ट्रपति अशरफ गनी भी अलग-थलग पड़ते दिखाई दिए। उन्होंने तालिबान का आक्रमण शुरू होने के बाद से पहली बार रविवार को देश को संबोधित किया। उन्होंने कुछ दिनों पहले जिन छत्रपों से बात की थी उन्होंने तालिबान के सामने हथियार डाल दिए या भाग गए जिससे गनी के पास सेना का समर्थन नहीं बचा।
हजारों नागरिक अब काबुल में पार्कों और खुले मैदानों में रह रहे हैं तथा उन्हें डर है कि तालिबान सरकार फिर से क्रूर शासन लागू कर सकती है जिससे महिलाओं के सभी अधिकार खत्म हो जाएंगे। सैकड़ों लोगों के अपने जीवनभर की कमायी निकालने के लिए निजी बैंकों के सामने एकत्रित होने पर कुछ एटीएम मशीनों ने काम करना बंद कर दिया है।
 
इसी बीच जलालाबाद पर तालिबान के कब्जे के कुछ घंटे बाद रविवार को अमेरिका के हेलीकॉप्टर यहां अमेरिकी दूतावास पर उतरे। काबुल के अलावा जलालाबाद ही ऐसा इकलौता प्रमुख शहर था जो तालिबान के कब्जे से बचा हुआ था। यह पाकिस्तान से लगती एक प्रमुख बॉर्डर क्रॉसिंग के निकट स्थित है। चरमपंथियों ने ऑनलाइन तस्वीरें पोस्ट की जिसमें उन्हें नांगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद में गवर्नर के कार्यालय में देखा जा सकता है।
 
प्रांत के एक सांसद अबरारुल्लाह मुराद ने बताया कि चरमपंथियों ने जलालाबाद पर कब्जा जमा लिया है। शहर के कब्जे में आने के बाद कोई लड़ाई नहीं हुई। अफगानी सांसद हमीदा अकबरी और तालिबान ने बताया कि चरमपंथियों ने रविवार को काबुल से करीब 90 किलोमीटर दूर मैदान वरदक की राजधानी मैदान शहर पर भी कब्जा जमाया। खोस्त में एक और प्रांतीय राजधानी तालिबान के कब्जे में चली गई है।
 
अफगानिस्तान के चौथे सबसे बड़े शहर मजार-ए-शरीफ पर शनिवार को चौतरफा हमलों के बाद तालिबान का कब्जा हो गया था और इसके साथ ही पूरे उत्तरी अफगानिस्तान पर चरमपंथियों का कब्जा हो गया। दो क्षेत्रीय सैन्य प्रमुख अत्ता मोहम्मद नूर और अब्दुल राशिद दोस्तम शनिवार को उज्बेकिस्तान भाग गए। नूर ने ट्विटर पर लिखा कि उत्तरी क्षेत्र का तालिबान पर कब्जा होना एक साजिश है।
 
तालिबान ने कहा कि उनके लड़ाके लोगों के घरों में नहीं घुसेंगे या कारोबार में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने उन लोगों को ‘क्षमादान’भी दिया है जिन्होंने अफगान सरकार या विदेशी बलों के साथ काम किया।
 
इन वादों के बावजूद जो लोग टिकट खरीदने में सक्षम थे वे काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पहुंच गए हैं। पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने स्थानीय प्रसारणकर्ता जियो टीवी को बताया कि पाकिस्तान ने सीमा पार यातायात को रोक दिया है।
 
बगराम हवाई अड्डा पर तालिबान का कब्जा :  बगराम हवाई ठिकाने पर तैनात सुरक्षा बलों ने तालिबान के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। वहां एक जेल में करीब 5,000 कैदी बंद हैं। बगराम के जिला प्रमुख दरवेश रऊफी ने रविवार को कहा कि इस आत्मसमर्पण से एक समय का अमेरिकी ठिकाना तालिबान लड़ाकों के हाथों में चला गया। जेल में तालिबान और इस्लामिक स्टेट समूह दोनों के लड़ाके थे। यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है जब तालिबान काबुल के बाहरी इलाके में घुस गया है।