छात्रा से यौन उत्पीड़न के आरोपी स्वामी चिन्मयानंद से संत समाज और भाजपा ने झाड़ा पल्ला
यौन शौषण के मामले में फंसे पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद की मुश्किलें दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस पूरे हाईप्रोफाइल मामले की जांच कर रही एसआईटी आज अपनी रिपोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट में पेश करेगी। पिछले दिनों लॉ स्टूडेंट से रेप और यौन उत्पीड़न के मामले में एसआईटी ने भाजपा नेता चिन्मयानंद को गिरफ्तार किया था जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया। गिरफ्तारी के बाद एसआईटी की पूछताछ में चिन्मयानंद ने अपना अपराध कबूला लिया है। एसआईटी के समाने अपना जुर्म कबूल करने के बाद अब चिन्मयानंद की मुश्किलें बढ़ गई है।
संत समाज करेगा बाहर- संत से लेकर सियासी जीवन तक का सफर तय करने वाली स्वामी चिन्मयानंद अब बिल्कुल अकेले पड़ गए है। संतों के सबसे बड़ी संख्या अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने स्वामी चिन्मयानंद को संत समाज से बाहर करने का मन बना लिया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने वेबदुनिया से बातचीत में कहा कि हरिद्धार मे 10 अक्टूबर को होने वाली अखाड़ा परिषद की बैठक में इस बारे में अंतिम निर्णय लिया जाएगा। बैठक में सभी 13 अखाड़ा परिषद के प्रमुख शामिल होंगे जो इस बारे में निर्णय लेंगे। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने कहा कि स्वामी चिन्मयानंद के इस कृत्य से संत समाज की बदनामी हो रही है इसलिए अखाड़ा परिषद ने उनको बाहर करने का निर्णय लिया है। स्वामी चिन्मयानंद वर्तमान समय में महानिर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर है और संत परंपरा से आते है।
भाजपा ने झाड़ा पल्ला – पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद से अब उनकी ही पार्टी भाजपा भी पल्ला झाड़ती दिख रही है। तीन बार के सांसद और अटल सरकार में केंद्रीय गृहराज्यमंत्री स्वामी चिन्मयांद अयोध्या में भाजपा के राम मंदिर आंदोलन से निकले नेता है। स्वामी चिन्मयानंद के रेप के मामले में फंसने के बाद अब पार्टी ने भी उनसे पल्ला झाड़ लिया है।
उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह के मुताबिक तो स्वामी चिन्मयानंद पार्टी के सदस्य ही नहीं है। भले ही यूपी भाजपा अध्यक्ष दावा कर रहे हो कि स्वामी चिन्यानंद पार्टी के सदस्य नहीं है लेकिन उनकी पार्टी के दिग्गज नेताओं से नजदीकी छिपी नहीं है।
जेल में बंद स्वामी चिन्मयानंद से मिलने भाजपा विधायकों और नेताओं को मिलने का सिलसिला जारी है। ऐसे में अब उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 11 सीटों के साथ महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव हो रहे है तब भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व इस मुद्दें पर पार्टी की हो रही बदनामी से बचने के लिए जल्द ही सार्वजानिक तौर पर चिन्मयानंद से पल्ला झाड़ सकता है।