अगस्तावेस्टलैंड घोटाला : Supreme court ने मिशेल की जमानत अर्जियों पर CBI और ED से मांगा जवाब
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला (AgustaWestland helicopter scam) मामले में बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल जेम्स की जमानत अर्जियों पर बुधवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा।
उल्लेखनीय है कि 3600 करोड़ रुपए का घोटाला अगस्तावेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर की खरीद से जुड़ा है। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्ह ने दोनों जांच एजेंसियों को नोटिस जारी किया तथा चार हफ्तों में उनका जवाब मांगा।
सुनवाई के दौरान मिशेल की ओर से पेश हुए अधिवक्ता एजियो जोसेफ और एमएमएस विष्णु शंकर ने कहा कि मामला सीआरपीसी की धारा 436ए के तहत आता है और उसने अपराध के लिए सजा की आधी अवधि हिरासत में काट ली है।
उन्होंने दलील दी कि भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धारा 8 और 9 के तहत मिशेल के मामले में अधिकतम कैद की सजा पांच साल है और वह करीब चार साल जेल में रह चुका है। मिशेल के वकील ने कहा, भारत में, मैं साढ़े तीन साल और दुबई में 120 दिन हिरासत में रहा हूं।
ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि बहुत मुश्किल से जांच एजेंसी को उसकी हिरासत मिली और धारा 436ए ईडी की कार्यवाही पर लागू नहीं होगी। उन्होंने कहा कि मिशेल ब्रिटेन का नागरिक है और उसे दुबई से प्रत्यर्पित करा कर लाया गया था।
पीठ ने राजू से मिशेल के करीब चार साल जेल में काटने के पहलू पर अपने जवाब में विचार करने को कहा। मिशेल ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 11 मार्च के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी गई थी।(भाषा)