पाकिस्तानी गोलीबारी की वजह से अरनिया में बंकर में हुई पढ़ाई
Pakistani firing in Arnia: पाकिस्तान की ओर से व्यापक पैमाने पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करने के बाद जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती कस्बे अरनिया के नजदीक स्थित विद्यालय के छात्रों के एक समूह ने शुक्रवार को विद्यालय परिसर में बने बंकर में पढ़ाई की।
स्कूल प्रबंधन के मुताबिक अरनिया कस्बे से सिर्फ दो किलोमीटर दूर सीमा पर बसे सुहागपुरा गांव में शुक्रवार सुबह बंकर के भीतर कक्षा चलाने का फैसला किया गया ताकि पाकिस्तान की ओर से रात में की गई गोलाबारी के मद्देनजर अभिभावकों की चिंता को दूर किया जा सके।
पाकिस्तान की ओर से 2021 के बाद व्यापक पैमाने पर बृहस्पतिवार को संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया और पाकिस्तान रेंजर्स के कर्मियों ने सीमा पार से गोले दागे। पाकिस्तान की ओर से बृहस्पतिवार रात लगभग 8 बजे अरनिया और आरएस पुरा सेक्टर में गोलीबारी शुरू हुई और यह लगभग 7 घंटे तक जारी रही जिसमें बीएसएफ के 2 जवान और एक महिला घायल हो गई।
15 छात्रों ने की बंकर में पढ़ाई : स्कूल की शिक्षिका अंजू सेठ ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी के कारण तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए 50 से अधिक छात्रों में से ज्यादातर स्कूल नहीं आए। उन्होंने कहा कि हालांकि, जो छात्र स्कूल आए, उनकी कक्षा स्कूल परिसर के भीतर बंकर में लगाई गई। उन्होंने बताया कि सभी 15 छात्रों ने बंकर में पढ़ाई की।
सेठ ने बताया कि सुबह से ही डरे हुए अभिभावकों के फोन कॉल आ रहे थे। उन्होंने कहा कि हमने उन्हें बताया कि यह उन पर निर्भर है कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं या नहीं और प्रबंधन ने छात्रों की सुरक्षा के मद्देनजर बंकर में कक्षाएं संचालित करने का फैसला किया है।
शिक्षिका ने बताया कि सरकार ने सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए भूमिगत बंकर बनाए हैं और हम इनका इस्तेमाल बच्चों के लाभ के लिए कर रहे हैं। आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली हिमांक्षी देवी ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी के बाद उसके परिवार ने सुरक्षित स्थान पर जाने का फैसला किया।
उन्होंने बताया कि हम गोलाबारी से डरे हुए थे, लेकिन मैंने उन्हें वापस आने के लिए प्रेरित किया। मैं स्कूल आना चाहती थी क्योंकि नहीं आने से पढ़ाई पर असर पड़ता। उन्होंने कहा कि जब मैं स्कूल पहुंची और बंकर में कक्षा स्थानांतरित की गई तो मेरा भय खत्म हो गया।
सेना में जाना चाहता है श्रवण : उसका सहपाठी श्रवण कुमार सेना में जाना चाहता है। कुमार ने कहा कि वह स्कूल आना जारी रखेगा चाहे कोई भी परिस्थिति हो। उन्होंने कहा कि संघर्ष विराम हो या न हो, सीमा पर जिंदगी जारी रहेगी। इसलिए हमें परिस्थितियों से तालमेल बैठाना है और सुनिश्चित करना है कि कक्षाएं न छूटे।
आठवीं कक्षा में ही पढ़ने वाली निधि ने कहा कि वह पुलिस बल में शामिल होना चाहती है, लेकिन घर में बैठने से कुछ नहीं होता। निधि ने कहा कि लगभग 5 साल पहले जब बार-बार संघर्ष विराम का उल्लंघन होता था तब हम भूमिगत बंकर में पढ़ाई करते थे। हम सीमा पर शांति से खुश होते हैं और उम्मीद करते हैं कि सीमा पर अब गोलीबारी नहीं होगी ताकि हम सामान्य रूप से कक्षाओं में पढ़ाई कर सकें। (भाषा)