नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने 8वीं कक्षा तक के छात्रों के आकलन के लिए बुधवार को सभी सरकारी स्कूलों को दिशा-निर्देश जारी कर सामान्य परीक्षाएं लेने से मना कर दिया और उनके प्रोजेक्ट और असाइनमेंट के आधार पर परिणाम घोषित करने को कहा है।
शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी दिशा-निर्देश सरकारी और सरकार से सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षण सत्र 2020-21 के लिए प्रभावी होगा। इस शिक्षण सत्र में कोविड-19 के कारण स्कूल लंबे समय तक बंद रहे और सारा पठन-पाठन ऑनलाइन हुआ।
शिक्षा निदेशालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि वर्तमान में 8वीं कक्षा तक के छात्रों को मूल्यांकन के बाद अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाए। इस अवस्था में मूल्यांकन का उद्देश्य कोविड-19 के कारण अपनाए गए पठन-पाठन के वैकल्पिक तरीके के प्रभाव को समझना है। साथ ही विश्लेषण से आगे की रणनीति पाठ्यक्रम आदि तय करने में भी मदद मिलेगी।
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, निजी स्कूल अपना कार्यक्रम स्वयं तैयार करेंगे और अपनी परीक्षाओं और मूल्यांकन का आधार स्वयं तय करेंगे।
दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने अपने आदेश में कहा कि चूंकि प्राथमिक और मिडिल स्तर पर कक्षाओं में कोई पठन-पाठन नहीं हुआ है, ऐसे में सामान्य परीक्षाओं की जगह विषयवार प्रोजेक्ट और असाइनमेंट के माध्यम से तीसरी से आठवीं कक्षा तक के छात्रों का मूल्यांकन किया जाए।
दिशा-निर्देश के अनुसार, तीसरी से पांचवीं कक्षा तक वर्कशीट पर 30 अंक, सर्दियों की छुट्टियों में दिए गए असाइनमेंट पर 30 अंक और एक से 15 मार्च के बीच दिए जाने वाले प्रोजेक्ट और असाइनमेंट पर 40 अंक दिए जाएंगे।
इसी तरह छठवीं से आठवीं कक्षा तक के लिए वर्कशीट पर 20 अंक, सर्दियों की छुट्टियों में दिए गए असाइनमेंट पर 30 अंक और एक से 15 मार्च के बीच दिए जाने वाले प्रोजेक्ट और असाइनमेंट पर 50 अंक दिए जाएंगे।
आदेश के अनुसार कि अगर किसी छात्र के पास डिजिटल उपकरण (मोबाइल/लैपटॉप) और इंटरनेट नहीं है तो कोविड-19 दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए ऐसे बच्चों के माता-पिता को स्कूल बुलाकर उन्हें प्रोजेक्ट और असाइनमेंट की हार्ड कॉपी दी जाएगी।
आदेश में कहा गया है कि असाइनमेंट और प्रोजेक्ट देते हुए विषय के शिक्षक उसकी प्रकृति और वर्कशीट पर काम करने का तरीका समझाएंगे। उन्हें यह भी ध्यान में रखना होगा कि जाति से जुड़ी धार्मिक भावनाओं, विपरीतार्थक बयानों और दोहरे अर्थ वाले बयानों/शब्दों से बचना होगा। ऐसे शब्द असाइनमेंट और प्रोजेक्ट का हिस्सा नहीं होंगे।
निदेशालय ने कहा कि मूल्यांकन का परिणाम जानने के लिए छात्रों को स्कूल नहीं बुलाया जाना चाहिए और उन्हें डिजिटल तरीके से या फोन करके इसकी सूचना दी जानी चाहिए। एक अन्य सरकारी अधिकारी ने बताया कि मूल्यांकन के बारे में निजी स्कूल अपना फैसला खुद करेंगे और उसके अनुरूप काम करेंगे। निदेशालय ने केजी से दूसरी कक्षा तक के छात्रों के मूल्यांकन के लिए भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
आदेश के अनुसार, केजी से दूसरी कक्षा तक के छात्रों का मूल्यांकन सर्दियों की छुट्टियों में दिए गए असाइनमेंट और महामारी के दौरान उन्हें ऑनलाइन या ऑफलाइन दिए गए असाइनमेंट के आधार पर होगा। शिक्षक छात्रों या माता-पिता से पहले दिया गया वर्कशीट जमा करने या दोबारा जमा करने को नहीं कहेंगे।