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Last Updated : गुरुवार, 19 सितम्बर 2024 (14:04 IST)

Statue of Unity : सात मंजिली इमारत के बराबर है सरदार वल्लभ भाई पटेल का चेहरा, 70 फुट लंबे हाथ, ऊंचाई स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से दुगनी

Statue of Unity : सात मंजिली इमारत के बराबर है सरदार वल्लभ भाई पटेल का चेहरा, 70 फुट लंबे हाथ, ऊंचाई स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से दुगनी - statue of unity, sardar vallabhbhai patel
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को अपने गृहप्रदेश गुजरात के नर्मदा जिले में केवड़िया स्थित सरदार सरोवर बांध से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर साधु द्वीप पर बनी सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को राष्ट्र को समर्पित किया जिसके साथ ही यह चीन के स्प्रिंगफील्ड बुद्धा की 153 मीटर ऊंची मूर्ति को आधिकारिक तौर पर पीछे छोड़ते हुए दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति बन गई।
 
इसकी विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मात्र इसके चेहरे की ऊंचाई ही 7 मंजिली इमारत के बराबर है। इसके हाथ ही 70 फुट लंबे हैं जबकि पैर के निचले हिस्से की ऊंचाई 85 फुट है। लगभग 3,000 करोड़ रुपए के खर्च से करीब साढ़े 3 साल में बनकर तैयार हुई इस मूर्ति की ऊंचाई न्यूयॉर्क स्थित स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी से भी करीब दोगुनी है।

इसे बनाने की घोषणा गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के तौर पर मोदी ने वर्ष 2010 में की थी। इसका काम एलएंडटी कंपनी को अक्टूबर 2014 में सौंपा गया था। काम की शुरुआत अप्रैल 2015 में हुई थी। इसमें 70 हजार टन सीमेंट और लगभग 24,000 टन स्टील तथा 1,700 टन तांबा और इतना ही कांसा लगा है। प्रतिमा के आधार पर एक म्यूजियम और इसके अंदर 153 मीटर की ऊंचाई पर जहां इसका का हृदयस्थल है, में इस पहाड़ी क्षेत्र, नर्मदा नदी और निकटवर्ती सरदार सरोवर डैम का नजारा देखने के लिए एक दर्शक क्षेत्र भी बनाया गया है। इसमें दो लिफ्ट भी लगाए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने पास ही नर्मदा नदी के किनारे फूलों के बगीचे वैली ऑफ फ्लॉवर्स, देश के 1 लाख 69 हजार गांवों से लाई गई मिट्टी से बनी एकता की दीवार (वॉल ऑफ यूनिटी) और पर्यटकों के लिए बनी टेंट सिटी का भी उद्घाटन किया। 

मोदी की ओर से पटेल की जयंती पर बुधवार को इस प्रतिमा का लोकार्पण किए जाने के बाद हेलीकॉप्टर के जरिए इस पर फूल भी बरसाए गए। वायुसेना के तेज किरण विमानों ने इस मौके पर आकाश में तिरंगा बनाया। गुजरात सरकार की ओर से मोदी को इस मौके पर एक प्रशस्ति पत्र और इस प्रतिमा के निर्माण के लिए किसानों से उपकरण जमा करने के अभियान के दौरान मिला पहला खेत औजार झारखंड के एक किसान का हथौड़ा भी सौंपा गया।