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Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 1 अगस्त 2025 (23:04 IST)

क्‍या ट्रंप के टैरिफ से बिगड़ जाएंगे संबंध, अमेरिका को लेकर सरकार ने दिया बयान

Statement of the Ministry of External Affairs regarding India and America relations
India-America relations : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने और इसके खिलाफ उनकी कड़ी आलोचना के बीच भारत ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका के साथ उसकी साझेदारी ने कई बदलावों और चुनौतियों का सामना किया है। साथ ही भारत ने विश्वास जताया कि दोनों देश अपने संबंधों को आगे भी जारी रखेंगे। भारत ने यह भी कहा कि उसकी ऊर्जा खरीद बाजार की गतिशीलता और मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों पर निर्भर करती है। यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब ट्रंप ने पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद रूसी पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद के लिए भारत की आलोचना की है।
 
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और रूस के बीच स्थिर और समय की कसौटी पर जांची-परखी और खरी साझेदारी है और विभिन्न देशों के साथ नई दिल्ली के द्विपक्षीय संबंधों को किसी तीसरे देश के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की यह टिप्पणी ट्रंप द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने और भारतीय अर्थव्यवस्था को मृत बताने के एक दिन बाद आई है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, भारत और अमेरिका के बीच साझा हितों, लोकतांत्रिक मूल्यों और दोनों देशों की जनता के स्तर पर मजबूत संबंधों पर आधारित व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है। उन्होंने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, इस साझेदारी ने कई बदलावों और चुनौतियों का सामना किया है।
 
जायसवाल ने कहा, हम उस ठोस एजेंडे पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिसके लिए हमारे दोनों देशों ने प्रतिबद्धता जताई है और हमें पूरा भरोसा है कि संबंध आगे बढ़ते रहेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ट्रंप के शुल्क, भारत के खिलाफ उनके आक्षेप तथा रूस के साथ नई दिल्ली के व्यापारिक संबंधों पर उनकी आलोचनात्मक टिप्पणियों से संबंधित कई सवालों का जवाब दे रहे थे।
ट्रंप ने एक बार फिर भारत और रूस के करीबी संबंधों को लेकर उन पर तीखा प्रहार किया था और कहा था कि उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि ‘न्यू इंडिया’, मॉस्को के साथ क्या करता है। ट्रंप ने भारत से आयात पर 25 प्रतिशत का शुल्क (टैरिफ) लगाने की घोषणा करने के कुछ घंटों बाद एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि भारत और रूस अपनी ‘मृत’ अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ गर्त में ले जा सकते हैं और उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।
 
रूस से ऊर्जा और सैन्य खरीद के लिए भारत की अमेरिका द्वारा की गई आलोचना के बारे में पूछे जाने पर जायसवाल ने सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन कहा कि व्यापक दृष्टिकोण राष्ट्रीय हित पर आधारित है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, विभिन्न देशों के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंध उनकी विशेषताओं के आधार पर टिके हैं और इन्हें किसी तीसरे देश के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। भारत और रूस के बीच एक स्थिर और समय की कसौटी पर जांची-परखी साझेदारी है।
उन्होंने कहा, हमारी रक्षा जरूरतों का निर्धारण पूरी तरह से हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा आवश्यकताओं और रणनीतिक आकलन के आधार पर किया जाता है। जायसवाल ने यह भी कहा कि भारत की अमेरिका के साथ मजबूत रक्षा साझेदारी है। उन्होंने कहा, अमेरिका के साथ हमारी मजबूत रक्षा साझेदारी है, जो पिछले कई वर्षों से और मजबूत हो रही है। इक्कीसवीं सदी के लिए भारत-अमेरिका कॉम्पैक्ट के तहत इस साझेदारी के और बढ़ने की संभावना है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour
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