कोयले की कमी पर राज्य-केंद्र में तकरार : दिल्ली के ऊर्जा मंत्री बोले- अब बचा है सिर्फ 2-3 दिन का स्टॉक, CM योगी ने लिखा PM मोदी को पत्र
नई दिल्ली। कोयले की कमी के कारण देश के कई राज्य बिजली संकट से गुजर रहे हैं। इस पर राज्यों और केंद्र सरकार के बीच तकरार भी शुरू हो चुकी है। दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि पूरे देश में बिजली के कट क्यों लग रहे हैं? हमें जानकारी नहीं है। योगी आदित्यनाथ को तो जानकारी होगी, वे तो उन्हीं के मुख्यमंत्री हैं, वे पत्र क्यों लिख रहे हैं? केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के बयान पर कि कहा कि किसी भी पॉवर प्लांट में 15 दिन से कम का स्टॉक नहीं होना चाहिए। अभी ज्यादातर प्लांट में 2-3 दिन का स्टॉक बचा है। NTPC के सारे प्लांट 55-50% क्षमता पर काम कर रहे हैं। इस समय कोयले की बहुत बड़ी समस्या है। कोयले की कमी के कारण पंजाब में 3, केरल में 4 और महाराष्ट्र में 20 थर्मल पॉवर स्टेशन बंद हो चुके हैं।
ऊर्जा मंत्री ने कमी से किया था इंकार : देश में 70 प्रतिशत बिजली कोयले द्वारा उत्पन्न की जाती है। ऊर्जा मंत्री ने बयान दिया है कि कोयले की कोई कमी नहीं है। कोयला मंत्रालय ने रविवार को स्पष्ट किया कि बिजली उत्पादक संयंत्रों की जरूरत को पूरा करने के लिए देश में कोयले का पर्याप्त भंडार है। मंत्रालय ने कोयले की कमी की वजह से बिजली आपूर्ति में बाधा की आशंकाओं को पूरी तरह निराधार बताया।
मंत्रालय ने बताया भंडार : कोयला मंत्रालय ने कहा कि बिजली संयंत्रों के पास करीब 72 लाख टन का कोयला भंडार है, जो 4 दिन के लिए पर्याप्त है। कोल इंडिया के पास 400 लाख टन का भंडार है जिसकी आपूर्ति बिजली संयंत्रों को की जा रही है। देश में कोयला आधारित बिजली उत्पादन इस साल सितंबर तक 24 प्रतिशत बढ़ा है। बिजली संयंत्रों को आपूर्ति बेहतर रहने की वजह से उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। बिजली संयंत्रों को प्रतिदिन औसतन 18.5 लाख टन कोयले की जरूरत होती है। दैनिक कोयला आपूर्ति करीब 17.5 लाख टन की है।