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Last Modified: रविवार, 23 अप्रैल 2023 (20:38 IST)

ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन के प्रोजेक्ट को लेकर भारत बेहद सतर्क, हालात पर केंद्र की पैनी नजर

ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन के प्रोजेक्ट को लेकर भारत बेहद सतर्क, हालात पर केंद्र की पैनी नजर - south asia india cautious about chinese dam on brahmaputra river jal shakti ministers statement will take big steps
  • बांध परियोजना से इंकार करता है चीन
  • चीन ने पंचवर्षीय योजना में किया है उल्लेख
  • 2021 में हुई बैठक में दी गई थी मंजूरी
 
नई दिल्ली। india-china news : केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा है कि भारत में प्रवेश से पहले चीनी इलाके में ब्रह्मपुत्र नदी पर 60 हजार मेगावाट क्षमता की पड़ोसी देश की पनबिजली परियोजना को लेकर केंद्र सरकार पूरी तरह सतर्क है और इस पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के कारण भारतीय हित प्रभावित न हों, इसे लेकर सरकार पूरी तरह से नजर रख रही है।
 
शेखावत ने कहा कि चीन पहले लगातार इस बात से इंकार करता रहा है कि इस तरह की उसकी कोई बांध परियोजना है। लेकिन गत दो-तीन वर्षों में, पहले वहां की सरकारी कंपनी ‘पावर चाइना’ ने और बाद में वहां की सरकार ने अपनी पंचवर्षीय योजना में इस बात का उल्लेख किया है। 
 
उन्होंने कहा कि पहले ‘पावर चाइना’ ने और बाद में वहां की सरकार ने अपनी पंचवर्षीय योजना में उल्लेख किया कि ब्रह्मपुत्र नदी जहां पर भारत में प्रवेश करती है, उससे पहले ऊपरी इलाके में कई तरह के ढांचे खड़े कर 60 हजार मेगावाट पनबिजली पैदा की जाएगी।
 
शेखावत ने कहा कि भारत सरकार निरंतर इस विषय पर पैनी नजर रखे हुए है और भारत के हितों पर इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े, इसके लिए हरसंभव कदम उठाने के लिए जागरूक भी हैं और आगे काम भी करेंगे। 
 
पिछले कुछ वर्षों में कई रिपोर्ट में यह कहा गया है कि चीन, अरुणाचल प्रदेश की सीमा के करीब तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर बड़ी पनबिजली परियोजना का निर्माण कर रहा है।
 
चीन की सरकारी मीडिया की रिपोर्ट के हवाले से वर्ष 2021 में कहा गया था कि चीन की शीर्ष विधायिका नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) की वर्ष 2021 में हुई बैठक में 14वीं पंचवर्षीय योजना को मंजूरी दी गई थी। 
 
14वीं पंचवर्षीय योजना में ब्रह्मपुत्र नदी की धारा पर बांध बनाना शामिल था। ब्रह्मपुत्र को तिब्बत में यारलुंग सांगपो कहा जाता है, जिस पर बांध बनाने का प्रस्ताव किया गया था। इस पर भारत और बांग्लादेश ने चिंता जताई थी। चीन ने इस तरह की चिंताओं को दूर करते हुए कहा था कि वह उनके हितों को ध्यान में रखेगा।
 
2022 में संसद में पेश जल संसाधन संबंधी संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट के अनुसार, समिति को विदेश मंत्रालय द्वारा यह जानकारी दी गई थी कि तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र नदी की मुख्य धारा पर तीन जल विद्युत परियोजनाओं को चीनी प्राधिकार ने मंजूरी दी है।
 
समिति को यह भी बताया गया था कि ब्रह्मपुत्र नदी पर विकास संबंधी कार्यों को लेकर भारत जैसे देशों के हितों को सुनिश्चित करने के लिये चीनी प्रशासन के समक्ष लगातार विचार एवं चिंताएं व्यक्त की जाती रही हैं।
 
रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने बताया था कि जल विद्युत परियोजना ‘रन ऑफ द रिवर’ (नदी के प्रवाह के साथ) पर है और इसमें ब्रह्मपुत्र नदी का जल विभाजन शामिल नहीं है।
 
हालांकि संसदीय समिति ने आशंका व्यक्त की थी कि पानी को तालाबों में संग्रहित किया जा सकता है और टर्बाइन चलाने के लिए छोड़ा जा सकता है, जिससे कुछ समस्याएं हो सकती हैं। भाषा  Edited By : Sudhir Sharma
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