रविवार सुबह इसके वलयाकार चरण को देश के उत्तरी हिस्से के कुछ क्षेत्रों में देखा जा सका जिनमें राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड के इलाके शामिल हैं। इसके संकरे वलयाकार मार्ग में आने वाले कुछ प्रमुख स्थानों में देहरादून, कुरूक्षेत्र, चमोली, जोशीमठ, सिरसा और सूरतगढ़ हैं। देश के बाकी हिस्सों में सूर्यग्रहण आंशिक रूप से देखा गया।
दुनिया के अन्य जिन हिस्सों में पूर्ण सूर्यग्रहण दिखा उनमें कांगो, सूडान, इथियोपिया, यमन, सऊदी अरब, ओमान, पाकिस्तान और चीन हैं। दिल्ली में नेहरू तारामंडल की निदेशक एन रत्नाश्री ने कहा कि अगला पूर्ण सूर्यग्रहण दिसंबर 2020 में दक्षिण अमेरिका से देखा जा सकेगा। 2022 में भी एक सूर्यग्रहण पड़ेगा लेकिन भारत से इसे मुश्किल से ही देखा जा सकेगा।

कोलकाता स्थित एमपी बिड़ला तारामंडल के निदेशक देबी प्रसाद दुआरी ने कहा कि यहां सूर्य ग्रहण का चरम बिंदु पर दोपहर 12.35 पर रहा। सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन पड़ता है जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और तीनों एक सीध में होते हैं।

रत्नाश्री ने कहा कि सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से थोड़े समय के लिए भी नहीं देखा जाना चाहिए और इससे आंखों की रोशनी तक जा सकती है। (भाषा)