• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. sdrf prepares early warning system from pang to tapovan at chamoli
Written By निष्ठा पांडे
Last Modified: शनिवार, 13 फ़रवरी 2021 (23:07 IST)

चमोली आपदा : पैंग से तपोवन तक SDRF ने तैयार किया अर्ली वॉर्निंग सिस्टम

चमोली आपदा : पैंग से तपोवन तक SDRF ने तैयार किया अर्ली वॉर्निंग सिस्टम - sdrf prepares early warning system from pang to tapovan at chamoli
जोशीमठ। एसडीआरएफ ने ऋषि गंगा क्षेत्र में पैंग गांव से लेकर तपोवन तक ऋषि गंगा में बनी झील के जल स्तर पर नजर रखने के लिए मैनुअली अर्ली वॉर्निंग सिस्टम विकसित किया है।

इसके तहत पैंग, रैणी व तपोवन में एसडीआरएफ की एक-एक टीम तैनात की गई है, जो सैटेलाइट फोन, पीए (पब्लिक अलार्मिंग) सिस्टम व दूरबीन से लैस है। कहीं भी कोई हलचल नजर आने पर ये टीमें आसपास के गांवों के साथ ही जोशीमठ तक के क्षेत्र को सतर्क कर देंगी।
 एसडीआरएफ की टीम ने शुक्रवार शाम को झील तक मुआयना किया था। फिलहाल झील से किसी प्रकार का खतरा नहीं है। अब झील पर एसडीआरएफ की टीम स्थिति पर पूरी तरह नजर रखे हुए है।

उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) की अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिद्धिम अग्रवाल के अनुसार मैनुअली तैयार किए गए अर्ली वॉर्निंग सिस्टम के तहत पैंग गांव में उस जगह टीम तैनात की गई है, जहां से झील साफ नजर आती है।
 
उन्होंने बताया कि तीनों ही स्थानों पर तैनात टीमें सैटेलाइट फोन के जरिए संपर्क में हैं। यदि थोड़ा भी जल स्तर बढ़ता है तो ये टीमें तत्काल सूचित कर देंगी। ऐसे में 5 से 7 मिनट के भीतर नदियों के किनारे के क्षेत्र को सुरक्षा की दृष्टि से खाली कराया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ के दल ने रैणी से ऊपर के गांवों के प्रधानों के साथ भी पीए सिस्टम को वार्ता की है। उत्तराखंड के चमोली जिले में अचानक ऋषिगंगा और धौलगंगा नदी में पानी का जलजला आने से रैणी गांव में ऋषिगंगा नदी पर हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का डैम धवस्त हो गया था।

इसने भारी तबाही मचाई और 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित धौलीगंगा नदी में एनटीपीसी के बांध को भी चपेट में ले लिया था। इससे भारी तबाही मची।
घटना रविवार 7 फरवरी की सुबह करीब 10 बजे की थी। इससे अलकनंदा नदी में भी पानी बढ़ गया था। तब प्रशासन ने नदी तटों को खाली कराने के बाद ही श्रीनगर बैराज से पानी कंट्रोल कर लिया। वहीं, टिहरी डैम से भी आगे पानी को बंद कर दिया था। इससे बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न नहीं हुई। आपदा से कई छोटे पुल ध्वस्त हो गए। 13 गांवों का आपस में संपर्क कट गया। 
घटना के 7वें दिन भी प्रभावित  क्षेत्रों में एसडीआरएफ के 100, एनडीआरएफ के 176, आईटीबीपी के 425 जवान एसएसबी की 1 टीम, आर्मी के 124 जवान, आर्मी की 02 मेडिकल टीम, स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड की 4 मेडिकल टीमें और फायर विभाग के 16 फायरमैन लगाए गए हैं। राजस्व विभाग, पुलिस दूरसंचार और सिविल पुलिस के कार्मिक भी कार्यरत हैं। बीआरओ द्वारा 2 जेसीबी, 1 व्हील लोडर, 2 हाईड्रो एक्सकेवेटर आदि मशीनें लगाई गई हैं।
ये भी पढ़ें
TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने दिल्ली पुलिस को लिखा पत्र, बोली- वापस ले लें सुरक्षा...