सऊदी अरब ने नए नोट के नक्शे में जम्मू-कश्मीर को दिखाया अलग हिस्सा, भारत ने जताया विरोध
नई दिल्ली। भारत ने सऊदी अरब के नई मुद्रा पर विश्व मानचित्र में जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख को अलग देश के रूप में दिखाने पर गंभीर आपत्ति जताई है और सऊदी सरकार से आग्रह किया है कि ये क्षेत्र भारत का अभिन्न अंग हैं और मानचित्र में गलती को सुधारने के लिए तुरंत कदम उठाए जाने चाहिए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने यहां नियमित ब्रीफिंग में सऊदी अरब द्वारा जी-20 की अध्यक्षता की स्मृति में जारी रियाल के नए नोट पर विश्व मानचित्र में भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को गलत ढंग से दर्शाए जाने संबंधी सवाल के जवाब में कहा कि भारत ने नई दिल्ली में सऊदी अरब के राजदूतावास तथा रियाद में सऊदी अरब के विदेश विभाग को सऊदी मुद्रा पर भारत की बाहरी सीमाओं को गलत ढंग से दर्शाए जाने पर अपनी चिंताओं से अवगत करा दिया है।
प्रवक्ता ने कहा कि हमने सऊदी सरकार ने आग्रह किया है कि वह तुरंत सुधार के कदम उठाए। हमने सऊदी सरकार से यह भी कहा है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अखंड भाग है।
जम्मू-कश्मीर में भू-स्वामित्व संबंधी कानून में बदलाव किए जाने पर पाकिस्तान की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया करते हुए श्रीवास्तव ने दो टूक शब्दों में कहा कि किसी भी देश को भारत के आंतरिक मामलों में टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है।
आतंकवाद पर वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की बैठक के पहले पाकिस्तान के बयान पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर उन्होंने कहा कि सारी दुनिया पाकिस्तान की असलियत और आतंकवाद को उसके समर्थन के बारे में जानती है। वह कितना ही खंडन कर ले, लेकिन वह सच नहीं छुपा सकता है। जो देश संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध सर्वाधिक आतंकवादियों को संरक्षण देता हो उसे खुद को आतंकवाद से पीड़ित बताने की कोशिश भी नहीं करनी चाहिए।
करतारपुर कॉरिडोर के लिए पाकिस्तान द्वारा सिख यात्रियों को दिए गए खुले आमंत्रण पर एक सवाल के जवाब में प्रवक्ता ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर को दोबारा खोलने के लिए कोविड-19 के प्रोटोकॉल को ध्यान में रखकर निर्णय लिया जाएगा। इस बारे में भारत सरकार संबंधित पक्षों के संपर्क में है।