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Last Modified: बुधवार, 27 सितम्बर 2017 (18:51 IST)

'सौभाग्य' में लगेगी 28000 मेगावॉट बिजली

'सौभाग्य' में लगेगी 28000 मेगावॉट बिजली - Saubhagya Scheme, 28000 MW electricity
नई दिल्ली। देश में वंचित परिवारों को बिजली उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई 'सौभाग्य' योजना के क्रियान्वयन के लिए कम से कम 28,000 मेगावॉट सालाना अतिरिक्त बिजली की जरूरत होगी।
 
योजना के क्रियान्वयन से पेट्रोलियम उत्पाद खासकर केरोसिन पर दी जाने वाली सब्सिडी में कमी आने के साथ आयात पर निर्भरता कम होगी और आर्थिक गतिविधियां बढ़ने से 10 करोड़ मानव श्रम दिवस रोजगार सृजित होंगे।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में बिजली से वंचित लगभग 4 करोड़ परिवार को बिजली उपलब्ध कराने के लिए इसी सप्ताह 16,300 करोड़ रुपए की लागत वाली प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना- 'सौभाग्य' की शुरुआत की। इसके तहत दिसंबर 2018 तक बिजली से वंचित सभी परिवार को बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
 
बिजली मंत्रालय ने योजना की विशेषताओं, उद्देश्य, क्रियान्वयन रणनीति और इसके परिणाम के बारे में बार-बार पूछे जाने वाले सवाल के तहत विस्तार से जानकारी दी है। इसमें योजना के क्रियान्वयन से बिजली की मांग में वृद्धि के बारे में कहा गया कि बिजली से वंचित 4 करोड़ परिवार को इसके दायरे में लाने से 28,000 मेगावॉट सालाना अतिरिक्त बिजली की जरूरत होगी, वहीं खपत के आधार पर 8,000 करोड़ यूनिट ऊर्जा की आवश्यकता होगी। 
 
इसमें यह माना गया है कि प्रत्येक परिवार औसतन 1 किलोवॉट क्षमता का उपयोग दिन में 8 घंटे करेगा। हालांकि लोगों की आय और बिजली उपयोग बढ़ने के साथ विद्युत की मांग बढ़ेगी तथा यह अनुमान परिवर्तित हो जाएगा। 
योजना से आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन के बारे में बयान में कहा गया है कि बिजली के उपयोग से केरोसिन की खपत घटेगी। इससे केरोसिन पर दी जाने वाली सालाना सब्सिडी में कमी आने के साथ पेट्रोलियम उत्पादों का आयात कम होगा। 
 
बयान के अनुसार, साथ ही प्रत्येक घर में बिजली होने से रेडियो, टेलीविजन, इंटरनेट, मोबाइल आदि की पहुंच सुधरेगी और इससे उन्हें सभी महत्वपूर्ण सूचना मिल पाएगी। किसानों को नई कृषि तकनीक, मशीनरी, गुणवत्तापूर्ण बीज, योजनाओं आदि के बारे में जानकारी मिल सकेगी जिससे कृषि उत्पादन बढ़ेगा और फलस्वरूप उनकी आय बढ़ेगी। किसान और युवा कृषि आधारित लघु उद्योग लगाने पर भी विचार कर सकते हैं। (भाषा) 
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