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उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद बोले संजय राउत- शिवसेना के लिए खत्म हुआ कंगना प्रकरण

उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद बोले संजय राउत- शिवसेना के लिए खत्म हुआ कंगना प्रकरण - sanjay raut said episode of kangana ranaut is over for shivsena
मुंबई। शिवसेना (ShivSena) नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी के लिए कंगना रनौत ‘प्रकरण’ खत्म हो चुका है। मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) से मुलाकात के बाद उन्होंने यह टिप्पणी की।
 
राउत ने कहा कि कंगना रनौत (Kangana Ranaut) प्रकरण खत्म हो चुका है। हम इसे भूल चुके हैं। हम अब अपने दैनिक, सरकारी और सामाजिक कार्य में व्यस्त हो गए हैं। राउत ने कहा कि उन्होंने पार्टी संबंधी कुछ कार्यक्रमों पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री से मुलाकात की।
सोनिया-पवार नहीं हैं नाराज : मीडिया में कुछ खबरें आईं जिसमें दावा किया गया कि कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने प्रकरण पर नाखुशी जाहिर की। इस बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा यह ‘गलत सूचना’ है। राउत ने कहा कि पवार साहब हों या सोनिया जी, नाखुशी जाहिर करने वाला बयान किसी ने नहीं दिया है। शिवसेना और अदाकारा रनौत के बीच पिछले कुछ दिनों से जुबानी जंग चल रही है।
मामले को उलझा रही हैं कंगना : बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने बंबई उच्च न्यायालय में इंकार किया कि उसने किसी गलत मंशा से अभिनेत्री कंगना रनौत के बंगले में ‘अवैध’ निर्माण को ढहाने की कार्रवाई की।
 
रनौत ने उपनगर बांद्रा के पाली हिल में अपने बंगले के अवैध निर्माण को ढहाने की बीएमसी की कार्रवाई को चुनौती दी है। मामले में बीएमसी ने एक हलफनामा दाखिल किया है।
बीएमसी ने कहा है कि याचिकाकर्ता (रनौत) ने भवन के लिए मंजूर योजना में बिना किसी अनुमति के बदलाव करते हुए अवैध निर्माण किया। अपने अवैध कृत्य को छिपाने के लिए वह बेबुनियाद और गलत आरोप लगा रही हैं तथा मामले को उलझा रही हैं।
 
न्यायमूर्ति एसजे काठावाला और न्यायमूर्ति आरआई छागला की पीठ ने बुधवार को अवैध निर्माण को ढहाने की कार्रवाई पर रोक लगाते हुए कहा था कि इसके पीछे ‘दुर्भावना’ प्रतीत होती है।
वकील का दावा, संपत्ति को नुकसान पहुंचाया : बीएमसी की ओर से पेश वकील आस्पी चिनॉय ने गुरुवार को दलील दी कि रनौत ने इमारत के लिए मंजूर योजना का उल्लंघन करते हुए अपने बंगले में अवैध निर्माण कराया। चिनॉय ने कहा कि अदालत के निर्देश के तुरंत बाद ढहाने के काम को रोक दिया गया। लेकिन, हम अदालत से अनुरोध करते हैं कि वह याचिकाकर्ता को यथास्थिति बनाए रखने और उक्त परिसर में और कोई काम नहीं कराने का आदेश दें।
22 सितंबर को अगली सुनवाई : रनौत के वकील रिजवान सिद्दीकी ने दावा किया कि बीएमसी ने संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जिसके कारण पानी और बिजली का कनेक्शन बाधित हो गया है। उन्होंने कहा कि यह बहाल होना चाहिए। हालांकि, पीठ ने कोई आदेश देने से इनकार कर दिया और मामले को 22 सितंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। 
 
बीएमसी ने कोर्ट में दी यह दलील : अपने हलफनामे में बीएमसी ने कहा कि अपनी मौजूदा अर्जी में भी याचिकाकर्ता ने इस तथ्य का विरोध नहीं किया है कि उन्होंने गैरकानूनी तरीके से वहां पर निर्माण का काम कराया। इसमें कहा गया कि याचिकाकर्ता ने बीएमसी पर परेशान करने और दुर्भावना से की गई कार्रवाई के फर्जी और बेबुनियाद आरोप लगाए हैं।
 
बीएमसी ने कहा कि काम रोकने के लिए पूर्व में नोटिस के जवाब में भी उन्होंने अवैध निर्माण के आरोपों को चुनौती नहीं दी और केवल निराधार आरोप लगाए और नोटिस का जवाब देने के लिए सात दिनों के समय की मांग की। नगर निकाय ने कहा कि उसका कोई भी कर्मचारी परिसर में नहीं घुसा और ना ही सुरक्षा गार्ड या किसी अन्य को धमकी दी या उनके साथ गलत तरीके से पेश आए।

नाखुश हैं राज्यपाल : महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने कंगना रनौत मामले से निपटने के तरीके को लेकर अप्रसन्नता जताई है। इसके साथ ही कंगना के बंगले में ‘अवैध निर्माण’ को गिराने के मुंबई नगर निकाय के तरीके से भी वे नाखुश हैं। सूत्रों ने कहा कि बुधवार को जिस समय बीएमसी की कार्रवाई चल रही थी, राज्यपाल ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मुख्य सलाहकार अजॉय मेहता को तलब किया और पूरे मामले पर अपनी नाराजगी जताई। (भाषा)