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Last Updated : सोमवार, 2 जनवरी 2017 (20:42 IST)

समाजवादी पार्टी में दो फाड़, किसकी होगी पार्टी अब इस पर जंग

समाजवादी पार्टी में दो फाड़, किसकी होगी पार्टी अब इस पर जंग - samajwadi party crisis
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी रविवार को दो टुकड़ों में बंट गई। सुलह की सभी कोशिशें नाकाम साबित हुई। रविवार को रामगोपाल यादव ने पार्टी का रा‍ष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया जिसमें अखिलेश यादव सहित पार्टी ने तमाम बड़े नेता और हजारों कार्यकर्ता मौजूद थे। अधिवेशन में नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मुलायम सिंह को हटाकर अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया और मुलायम को पार्टी का संरक्षक घोषित किया। घटनाक्रम का लाइव अपडेट यहां पड़ें ...

 
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* दिल्ली में अपने घर पहुंचे मुलायम, जयाप्रदा और अमरसिंह भी मौजूद।

*दिल्ली में मुलायम के घर पहुंचे अमरसिंह, शिवपाल भी दिल्ली में मौजूद। मुलायम सिंह भी पहुंचेंगे दिल्ली। चुनाव आयोग ने मिलने के समय दिया। समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह को लेकर चुनाव आयोग से करेंगे बाद। दूसरी ओर अखिलेश का गुट भी चुनाव आयोग से मिलेगा।

* मुलायम सिंह यादव ने कहा कि साइकिल हमारा चुनाव चिह्न है। मुलायम सिंह ने सपा में विवाद पर कहा- मुझ पर कोई कुछ गलत करने का आरोप नहीं लगा सकता। मैंने कभी भ्रष्टाचार नहीं किया या किसी को धोखा नहीं दिया।

* चुनाव आयोग से मिलेंगे दोनों गुट। दोनों गुटों ने चुनाव आयोग से मिलने का समय मांगा है। मुलायम भी दिल्ली पहुंच रहे हैं। 
* दिल्ली पहुंचे शिवपाल यादव ने कहा- मुलायम सिंह यादव अब भी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और रहेंगे। मैं अपनी अंतिम सांस तक नेताजी के साथ रहूंगा।

* अमरसिंह दिल्ली पहुंचे, उन्होंने कहा कि मैं मुलायम सिंह के साथ हूं और रहूंगा। उनके साथ रहकर मुझे नायक बनना पड़े या खलनायक, मंजूर है। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह ने कहा था कि अमरसिंह की जगह हमारे दल में नहीं, दिल में है। यदि वे दिल से निकाल दें तो मुझे खेद होगा, दल से निकाल दें तो मेरे लिए दल का महत्व नहीं। 

* सम्मेलन को स्थगित करने की घोषणा के साथ ही मुलायम सिंह ने अपने भाई शिवपाल सिंह यादव को दिल्ली भेज दिया है। वहां शिवपाल सिंह यादव पार्टी में उभरे विवाद को लेकर चुनाव आयोग में याचिका दायर कर सकते हैं।

* सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने आगामी पांच जनवरी को पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाने का फैसला निरस्त किया।

* मुलायम सिंह यादव अपने भाई शिवपाल यादव और मित्र अमरसिंह के साथ दिल्ली चुनाव आयोग जाकर पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन को असंवैधाधिन घोषित किए जाने और पार्टी चिन्ह पर दावा करने की गुहार लगाएंगे।

कल के घटनाक्रम की पूरी स्टोरी नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें...

इसके बाद शिवपाल सिंह यादव को सपा के प्रदेश अध्यक्ष पद से तत्काल हटाया और पार्टी महासचिव अमरसिंह को सपा से निष्कासित कर दिया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद अखिलेश ने अपने पहले आदेश में शिवपाल को हटाकर विधानपरिषद सदस्य नरेश उत्तम पटेल को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया। नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने अपना कार्यभार भी फौरन ग्रहण कर लिया। अधिवेशन के बाद अखिलेश समर्थक जबरन सपा कार्यालय में घुस गए और प्रदेश अध्यक्ष के कक्ष के बाहर लगी शिवपाल यादव की नेम प्लेट उखाड़कर फेंक दी। अब पार्टी के दफ्तर और अन्य संस्थानों पर अखिलेश यादव गुट का कब्ज हो गया है।
 
इस सारे घटनाक्रम से नाराज होकर मुलायमसिंह यादव ने आनन-फानन में सपा के संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई, जिसमें राष्ट्रीय अधिवेशन के तमाम फैसलों को अवैध करार दिया गया और साथ उन्होंने अधिवेशन में शामिल रामगोपाल सहित उपाध्यक्ष किरणमय नंदा, और महासचिव नरेश अग्रवाल को पार्टी से निकाल दिया। अब मुलायम सिंह अपने भाई शिवपाल और मित्र अमरसिंह के साथ दिल्ली जाकर चुनाव आयोग से इसकी शिकायत कर साइकिल चिन्ह पर अपना दावा करेंगे, जबकि अखिलेश गुट भी साइकिल पर अपना दावा करने के लिए चुनाव आयोग जा सकता है।
 
गौरतलब है कि एक जनवरी को सपा का राष्ट्रीय अधिवेशन सम्मेलन बुलाने के रामगोपाल के फैसले को लेकर मुलायम सिंह यादव ने गत शुक्रवार को रामगोपाल तथा अखिलेश दोनों को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था, लेकिन पार्टी नेता आजम खान द्वारा सुलह के प्रयास के बीच दोनों को पार्टी में फिर से शामिल कर लिया गया था लेकिन कल के घटनाक्रम के बाद अब यह तय माना जा रहा है कि पार्टी में दो फाड़ हो चुकी है। आने वाले दिनों ने यदि प्रतिद्वंद्वी खेमों ने सपा के चुनाव चिन्ह 'साइकिल' पर अपना-अपना दावा किया तो विधानसभा चुनाव से पहले उस पर रोक लगने की पूरी आशंका है। देखना होगा कि चुनाव आयोग इस पर क्या फैसला लेता है और सपा के सियासी ड्रेमे का ऊंट किस करवट बैठता है।