नई दिल्ली। देश में हर रोज 1300 से ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिनमें 400 से अधिक लोगों की मौत हो जाती है। इनमें आधे से ज्यादा लोग 18 से 35 वर्ष की आयु के होते हैं।
सड़क परिवहन मंत्रालय ने देश में 2016 में हुई सड़क दुर्घटनाओं के बारे में बुधवार को यहां जारी एक रिपोर्ट में कहा है कि देश में हर दिन 1317 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें 413 लोगों की मौत हो जाती है। वर्ष 2015 की तुलना में वर्ष 2016 में सड़क दुर्घटनाओं में 4.1 प्रतिशत की कमी आई है लेकिन इनमें मरने वालों लोगों की संख्या 3.2 प्रतिशत बढ़ी है।
रिपोर्ट के अनुसार 2016 में 4 लाख 80 हजार 652 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें एक लाख 50 हजार 785 लोगों की मौत हुई और 4 लाख 94 हजार 624 लोग घायल हुए। इन दुर्घटनाओं में मरने वाले 69 हजार 851 लोग 35 साल की उम्र के थे, जो सड़क दुर्घटनाओं में मरे लोगों का 46.3 प्रतिशत है। मृतकों में 18 से 60 साल की उम्र के लोगों की संख्या 83.3 प्रतिशत है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि देश 13 राज्यों में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं और वह इस बारे में जल्द ही संबद्ध राज्यों से सड़क दुर्घटनाओं पर रिपोर्ट मांगेंगे और दुर्घटनाओं को कम करने के उपाय करने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहेंगे।
उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए जिला स्तर पर समितियों का गठन किया जाएगा, जिनमें स्थानीय सांसद, विधायक और जिला अधिकारी सहित प्रमुख लोग शामिल होंगे।
गडकरी ने कहा कि आंकड़े के अनुसार रफ्तार, शराब पीकर वाहन चलाने और हेलमेट जैसे सुरक्षा उपायों का इस्तेमाल नहीं करने के कारण सड़क दुर्घटनाओं में तेजी से इजाफा हो रहा है। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए वाहनों के निर्माण तथा सड़कों के निर्माण में तकनीकी सुधार लाने की जरूरत है। रिपोर्ट में जिन 13 राज्यों में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, उनसे जल्द ही रिपोर्ट मांगी जाएगी।
उन्होंने कहा कि इन 13 राज्यों में 86.5 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। इनमें उत्तर प्रदेश 12.8 प्रतिशत घटनाओं के साथ पहले स्थान पर, 11.4 प्रतिशत के साथ तमिलनाडु दूसरे और 8.6 प्रतिशत के साथ महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर है। सड़क दुर्घटनाओं में इन 13 राज्यों में ही सबसे अधिक 87.8 प्रतिशत लोग घायल हुए हैं और तमिलनाडु इस मामले में पहले स्थान पर है।
सड़क दुर्घटना रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में राष्ट्रीय राजमार्गों की संख्या कुल सड़क नेटवर्क के दो फीसदी के बराबर है, लेकिन वर्ष 2016 के दौरान 30 प्रतिशत दुर्घटनाएं राष्ट्रीय राजमार्गों पर ही हुई हैं और इन दुर्घटनाओं में 37 प्रतिशत लोगों की जान गई है।
गडकरी ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सर्वाधिक दुर्घटना वाले 789 ब्लैक स्पॉट की पहचान की गई है, जिनमें से 651 राष्ट्रीय राजमार्गों पर हैं और 138 राज्यों की सड़कों पर हैं। इनमें से 140 स्थलों को ठीक किया गया है और 283 पर काम चल रहा है। शेष 228 के लिए सर्वेक्षण किया जा रहा है।
हेलमेट नहीं पहनने से सबसे ज्यादा मौत : तेज गति से वाहन चलाने तथा दोपहिया वाहन चालकों के हेलमेट नहीं पहनने जैसे कारणों से सड़क दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा लोग मारे जाते हैं और इनमें युवाओं की संख्या सर्वाधिक होती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल दुपहिया वाहनों की दुर्घटनाओं में 34.8 प्रतिशत लोग मारे गए।
मंत्रालय में सचिव युद्धवीर मलिक ने पत्रकारों से कहा कि पिछले वर्ष 52 हजार 500 दोपहिया वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुए और इनमें जितने लोग मारे गए उनमें 19.3 प्रतिशत लोग या तो बिना हेलमेट के थे या उन्होंने हेलमेट ठीक तरह से नहीं बांधा था। उन्होंने कहा कि कई लोग हेलमेट ठीक तरह से नहीं पहनते हैं और वे सिर्फ पुलिस से बचने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। हेलमेट ठीक तरह से नहीं बांधने और रफ्तार में अत्यधिक तेजी होने के कारण दोपहिया वाहन चालक बड़ी संख्या में मारे गए हैं। (एजेंसियां)