राजपथ पर सेना ने दिखाई ताकत, पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में दिखी 4 नई शक्तियां
नई दिल्ली। 71वां गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के राजपथ पर रविवार को हुई गणतंत्र दिवस परेड में सेना ने अपने शौर्य का प्रदर्शन किया। इस परेड में सेना ने पहली बार अपनी 4 नई शक्तियों का प्रदर्शन किया।
मिशन शक्ति : DRDO की उपग्रह रोधी (ए-सैट) हथियार प्रणाली रविवार को गणतंत्र दिवस की परेड का हिस्सा बनी। किसी भी देश की आर्थिक और सैन्य सर्वोच्चता के लिए अंतरिक्ष महत्वपूर्ण आयाम है और इसमें ए-सैट हथियार आवश्यक रणनीतिक प्रतिरोध प्रणाली में अहम भूमिका निभाता है।
पिछले साल मार्च में डीआरडीओ ने भारत के पहले ए-सैट मिशन ‘मिशन शक्ति’ को लॉन्च किया था। यह भारत का पहला ए-सैट मिशन है जो विरोधी उपग्रहों को मार गिराने की भारत की क्षमता का प्रदर्शन करता है। इसके लॉन्च के बाद इस क्षमता को रखने वाले अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों की सूची में भारत शामिल हो गया था।
चिनूक और अपाचे हेलीकॉप्टर : भारतीय वायु सेना में शामिल किए गए चिनूक और अपाचे युद्धक हेलीकॉप्टर गणतंत्र दिवस की भव्य सैन्य परेड में आकर्षण का मुख्य केंद्र रहे।
चिनूक दूरदराज के स्थानों तक व्यापक स्तर पर सामग्री को पहुंचा सकता है। यह ट्वीन रोटर वाला हेलीकॉप्टर है जिससे भारतीय वायु सेना की सैन्य और आपदा संबंधी भार क्षमता बढ़ी है।
वहीं अपाचे हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाली मारक क्षमता वाला हेलीकॉप्टर है जो दुश्मनों पर कहर ढा सकता है। इससे भारतीय सशस्त्र बलों को दुश्मनों के खिलाफ युद्धक्षेत्र में महत्वपूर्ण बढ़त मिलती है।
पहली बार दिखाई गई धनुष तोप : राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में रविवार को पहली बार ‘धनुष’ तोप का प्रदर्शन किया गया। यह प्रदर्शन कैप्टन मृगांक भारद्वाज की कमान में किया गया। 155एमएम/45 कैलीबर धनुष तोप को होवित्जर तोप की तरह डिजाइन किया गया है।
यह आयुध निर्माणी बोर्ड द्वारा स्वदेश निर्मित है। अधिकतम 36.5 किलोमीटर दूरी की मारक क्षमता वाली इस तोप में स्वचालित बंदूक अलाइनमेंट और पोजिशनिंग की क्षमता है। इस तोप को सेना की भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बनाया गया है।