Delhi pollution News: वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर और धुंध से पिछले 10 दिन से परेशान दिल्लीवासियों को बृहस्पतिवार को रातभर हुई बारिश के कारण राहत मिली और राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता में शुक्रवार को 150 अंकों का सुधार देखा गया। दिल्ली में शुक्रवार अपराह्न 4 बजे पिछले 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 279 रहा जो बृहस्पतिवार के 437 से काफी बेहतर है।
शहर में 28 अक्टूबर से पिछले दो सप्ताह में वायु गुणवत्ता बहुत खराब से गंभीर हो गई थी। एक्यूआई शून्य से 50 के बीच 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 450 के बीच 'गंभीर' माना जाता है। एक्यूआई के 450 से ऊपर हो जाने पर इसे 'अति गंभीर' श्रेणी में माना जाता है।
हवा की गति अनुकूल होने के कारण वायु गुणवत्ता में और सुधार होने की उम्मीद है। किसी खास समय पर एक्यूआई पिछले 24 घंटे के आंकड़ों का औसत होता है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि दिल्ली के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला ने शुक्रवार को सुबह साढ़े 8 बजे पिछले 24 घंटों में 6 मिलीमीटर तथा सुबह साढ़े 8 और शाम साढ़े 5 बजे के बीच 4.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के अधिकतर इलाकों में हल्की बारिश हुई।
विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि बृहस्पतिवार रात से पंजाब, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश समेत पश्चिमोत्तर भारत के अधिकतर हिस्सों में वर्षा हुई है। आईएमडी ने हल्की बारिश समेत मौसम संबंधी अनुकूल परिस्थितियों के कारण दीपावली से पहले वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार होने का अनुमान जताया था।
प्रदूषण से मिलेगी राहत : अधिकारियों ने कहा था कि एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की तरफ बदलने से, भारत के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में पराली जलाए जाने से निकलने वाले धुएं के कारण होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।
श्रीवास्तव ने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के बाद हवा की गति 11 नवंबर को लगभग 15 किलोमीटर प्रति घंटे हो जाएगी, जिससे दीपावली से पहले प्रदूषक तत्वों के तितर-बितर होने की संभावना है।
दिल्ली में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करने वाले डिसीजन सपोर्ट सिस्टम के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को 38 प्रतिशत प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्यों, विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में पराली जलाए जाने से निकला धुआं जिम्मेदार था। शहर में प्रदूषण के स्तर में पराली जलाने की घटनाओं का योगदान बृहस्पतिवार को 33 प्रतिशत रहा।
परिवहन भी प्रदूषण का बड़ा कारण : आंकड़ों में परिवहन को भी वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण बताया गया है, जो दिल्ली की बिगड़ती आबोहवा में 12 से 14 प्रतिशत का योगदान दे रहा है। भारतीय कृषि अनुसंधान संगठन के प्रधान वैज्ञानिक विनय कुमार सहगल ने अनुमान लगाया कि वर्षा के कारण अगले दो-तीन दिन पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं कम होंगी।
दिल्ली सरकार शहर में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर से निपटने के लिए 20 या 21 नवंबर को कृत्रिम बारिश की योजना बना रही है। इससे संबंधित एक प्रस्ताव उच्चतम न्यायालय को सौंपा जाएगा, जो वायु प्रदूषण बढ़ने की समस्या से जुड़ी कई याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है।
सरकार ने सभी विद्यालयों में दिसंबर में होने वाली छुट्टियों का समय बुधवार को बदल दिया और अब शीतकालीन अवकाश नौ नवंबर से 18 नवंबर तक रहेगा।
सम विषम योजना फिलहाल टली : दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सरकार ने सम-विषम योजना फिलहाल स्थगित कर दी है क्योंकि वर्षा के कारण शहर की वायु गुणवत्ता बहुत सुधर गई है। उन्होंने कहा कि सरकार दिवाली के बाद वायु गुणवत्ता की समीक्षा करेगी और फिर यदि प्रदूषण स्तर बहुत बढ़ जाता है तो सम-विषम योजना पर निर्णय लिया जा सकता है।
उन्होंने कहा था कि शीर्ष अदालत द्वारा सम-विषम कार योजना की प्रभावशीलता की समीक्षा करने और आदेश जारी करने के बाद शहर में यह योजना लागू की जाएगी। मंगलवार को शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार की सम -विषम योजना की प्रभावकारिता पर सवाल उठाया था और इसे दिखावा बताया था। डॉक्टरों ने कहा है कि दिल्ली की प्रदूषित हवा में सांस लेना प्रतिदिन 10 सिगरेट पीने के हानिकारक दुष्प्राव के बराबर है। (एजेंसी/वेबदुनिया)